अजीम प्रेमजी बने भारतीय इतिहास के सबसे बड़े दानी, 34 फीसदी शेयर किए दान


आईटी दिग्गज और विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 34 फीसदी शेयर परोपकार कार्य के लिए दान कर दिए हैं। इन शेयर का बाजार मूल्य 52,750 करोड़ रुपये है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने बयान में कहा, "अजीम प्रेमजी ने अपनी निजी संपत्तियों का त्याग कर, उसे धर्मार्थ कार्य के लिए दान कर परोपकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाई है। जिससे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के परोपकार कार्यों को सहयोग मिलेगा।"
बयान के मुताबिक इस पहल से परोपकारी कार्य के लिए प्रेमजी द्वारा दान की गई कुल रकम 145,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) हो गई है। जो कि विप्रो कंपनी के आर्थित स्वामित्व का 67 फीसदी है।

इससे अजीम फाउंडेशन दुनिया की बड़ी फाउंडेशन की सूची में शुमार हो गई है। 73 वर्षीय प्रेमजी ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्होंने 'द गिविंग प्लेज इनीशिएटिव' पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल की शुरुआत बिल गेट्स और वॉरेन बफेट ने की थी। जिसके तहत अपनी 50 फीसदी संपत्ति परोपकारी कार्य के लिए देने का वादा किया जाता है।
अजीम प्रेमजी ने 'अजीज प्रेमजी फाउंडेशन' समाजसेवा के लिए बनाई है। जो मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में काम करती है। इस क्षेत्र में काम करने वालों को ये फाउंडेशन आर्थिक मदद भी देती है। फाउंडेशन का लक्ष्य पब्लिक स्कूलिंग को बेहतर करना है।

ये फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्यप्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है। बीते पांच साल में वंचित तबकों के लिए काम कर रहे करीब 150 एनजीओ को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से फंड मिला है।
प्रेमजी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'शेवेलियर डी ला लीजन डी ऑनर' भी मिल चुका है। उन्हें ये सम्मान समाजसेवा करने, फ्रांस में आर्थिक दखल और आईटी उद्योग विकसित करने को लेकर दिया गया। उनसे पहले ये सम्मान पाने वाले भारतीय बंगाली अभिनेता सौमित्र चटर्जी और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान हैं।

प्रेमजी के पिता हाशिम प्रेमजी भी अपने समय के जानेमाने व्यापारी थे। उन्हें बंटवारे के बाद जिन्ना ने पाकिस्तान का वित्त मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने भारत में रहना ही पसंद किया। 


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