गाज़ियाबाद हिंदी दैनिक आज का मतदाता जंनसंख्या वृद्धि पर अपना विचार व्यक्त करते हुए भारतीय हिंद फौज के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव सक्सेना ने कहा कि भारत के विभाजन के समय 1947 भारत की जनसंख्या लगभग 40 करोड़ थी जो आज 140 करोड़ हो गई सरकार की कोई भी योजना एक निश्चित जनसंख्या के आधार पर तैयार की जाती है किंतु उस योजना के क्रियान्वयन होते होते जनसंख्या का भार इतना बढ़ जाता है कि इस योजना की सफलता संदिग्ध हो जाती है इस जनसंख्या वृद्धि ने देश की राजनीति को प्रभावित करती रही है जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पर प्रयास होते रहे हैं श्री मित्तल की अध्यक्षता में अखिल भारती स्तर पर एक कमेटी का गठन हुआ था जिसने विभिन्न देशों का भ्रमण भी किया उसने अपनी रिपोर्ट भी सौंपी किंतु अल्पसंख्यकों कीवोट की लालच में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण नीति कागज और नारों में घूमती रही सर्वप्रथम संजय गांधी ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण को मूर्त रूप देने का प्रयास किया जिसे उनकी सुरक्षा चरिता की संज्ञा दी गई और सत्ता दल के हारने का कारण बताया गया इसके बाद जनसंख्या नियंत्रण नीति परोक्ष हो गई अब जनसंख्या नियंत्रण को धर्म से जोड़कर सत्ता से दूर रहने का ब्रह्म राज नीतियों के मन में बैठ गया है इसलिए शिक्षा स्वास्थ्य तथा अन्य जनउपयोगी योजनाएं विफल रहने पर भी सत्ताधारी दल विशेष कर या सभी दलों की दृढ़ इच्छा शक्ति के अभाव में जनसंख्या वृद्धि की सुनामी में देश डूबा जा रहा है