लोकसभा चुनाव 2019 : कन्नौज में डिंपल यादव को टक्कर देना इस बार भी आसान नहीं

 



उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की ओर से डिंपल यादव 


                      प्रत्याशी बनाई गई हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल ने 'मोदी लहर' को टक्कर देते हुए यहां से जीत दर्ज की थी. डिंपल को पिछले चुनाव में 489164 (43.89 फीसदी) वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी को 469257 (42.11 फीसदी) वोट मिले थे. बीएसपी को 127785 (11.47 फीसदी) वोट और चौथे नंबर पर रही इनेलो को 0.51 फीसदी वोट मिले थे. इस बार सपा से गठबंधन के बाद बीएसपी यहां पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी. जिसका सीधा मतलब है कि बीएसपी को मिलने वोट सपा के ही खाते में ट्रांसफर होंगे. इस तरह से देखा जाए तो कन्नौज में डिंपल यादव को हरा पाना एक तरह से नामुमिक होगा. हालांकि पिछली बार जीत का अंतर काफी हो गया था. गौरतलब है कि डिंपल यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी हैं और कन्नौज लोकसभा सीट सपा की परंपरागत सीट रही है.  साल 1998 से समाजवादी पार्टी लगातार 7 बार  लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है. इस सीट से अखिलेश यादव तीन बार और उनके पिता मुलायम सिंह यादव एक बार सांसद चुने जा चुके हैं. 


लोकसभा चुनाव : हरदोई से मिला सपा ने दिया ऊषा वर्मा को टिकट, BSP के साथ मिलकर बिगाड़ सकती हैं बीजेपी का खेल


 आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है इस सूची में तीन प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया है, जिसमें अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव भी शामिल हैं. वह कन्नौज से चुनाव लड़ेंगी. वहीं, पूर्वी वर्मा को खीरी से, उषा वर्मा को हरदोई से प्रत्याशी बनाया गया है. इससे पहले सपा ने सुबह 6 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी, जिसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी से उम्मीदवार घोषित किया गया है. वहीं धर्मेंद्र यादव बदायूं से, अक्षय यादव को फिरोजाबाद से, शब्बीर वाल्मीकि बहराइच से, भाईलाल कोल रॉबर्ट्सगंज से और कमलेश कठेरिया इटावा से उम्मीदवार होंगे. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत सपा 37 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 38 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. 

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में भी ब्राह्मणों के बलिदान का एक पृथक वर्चस्व रहा है।
चित्र
ब्रिटेन की नई हुकूमत के समक्ष चुनौतियों की भरमार?
चित्र
अहमदाबाद: 17 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा, एक लाख साड़ियां और...अमित शाह