सपा ने सोशल इंजीनियरिंग से पिछड़ों को साधा, 29 प्रत्याशियों में 16 ओबीसी

डॉ. राम मनोहर लोहिया ने 60 के दशक में पिछड़ी जातियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नारा दिया था, संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़े पावें सौ में साठ। लोहिया के विचारों की राजनीतिक उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण में लोहिया की लाइन पर चलने की कोशिश की है। सपा ने अब तक जिन 29 प्रत्याशियों की घोषणा की है, उनमें 16 पिछड़े वर्ग के हैं। यानी पिछड़ों को 55 फीसदी नुमाइंदगी दी है।


लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल में गठबंधन हुआ है। सपा-बसपा के हिस्से में 38-38 तथा रालोद के खाते में दो सीटें आईं। रायबरेली व अमेठी कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई हैं। सपा ने अपने हिस्से की एक सीट रालोद को दे दी है। इस तरह सपा के पास कुल 37 सीटें बचीं। इनमें से सपा ने 29 सीटों पर उम्मीदारों का एलान कर दिया है।


सपा ने टिकट वितरण में सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है। उसकी सोशल इंजीनियरिंग के केंद्र में पिछड़ी जातियां हैं। उन्हें सर्वाधिक नुमाइंदगी दी गई है। सपा के 29 प्रत्याशियों में ओबीसी 16, अनुसूचित जाति के 6 प्रत्याशी, 4 मुस्लिम व 3 सामान्य वर्ग के हैं। सामान्य वर्ग में एक सीट राजपूत और दो वैश्यों को दी गई हैं। पांच महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है।

ओबीसी में सपा ने यादवों को सर्वाधिक 8 टिकट दिए हैं। इनमें मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव समेत पांच लोग परिवार के हैं। इनमें चार मौजूदा सांसद हैं। अखिलेश पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री हैं।डॉ. राम मनोहर लोहिया ने 60 के दशक में पिछड़ी जातियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नारा दिया था, संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़े पावें सौ में साठ। लोहिया के विचारों की राजनीतिक उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण में लोहिया की लाइन पर चलने की कोशिश की है। सपा ने अब तक जिन 29 प्रत्याशियों की घोषणा की है, उनमें 16 पिछड़े वर्ग के हैं। यानी पिछड़ों को 55 फीसदी नुमाइंदगी दी है। लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल में गठबंधन हुआ है। सपा-बसपा के हिस्से में 38-38 तथा रालोद के खाते में दो सीटें आईं। रायबरेली व अमेठी कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई हैं। सपा ने अपने हिस्से की एक सीट रालोद को दे दी है। इस तरह सपा के पास कुल 37 सीटें बचीं। इनमें से सपा ने 29 सीटों पर उम्मीदारों का एलान कर दिया है।



सपा ने टिकट वितरण में सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है। उसकी सोशल इंजीनियरिंग के केंद्र में पिछड़ी जातियां हैं। उन्हें सर्वाधिक नुमाइंदगी दी गई है। सपा के 29 प्रत्याशियों में ओबीसी 16, अनुसूचित जाति के 6 प्रत्याशी, 4 मुस्लिम व 3 सामान्य वर्ग के हैं। सामान्य वर्ग में एक सीट राजपूत और दो वैश्यों को दी गई हैं। पांच महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है।

ओबीसी में सपा ने यादवों को सर्वाधिक 8 टिकट दिए हैं। इनमें मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव समेत पांच लोग परिवार के हैं। इनमें चार मौजूदा सांसद हैं। अखिलेश पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री हैं।


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