दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू हुई आचार संहिता को देखते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू हुई आचार संहिता को देखते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी।विरोधी पार्टियां लगातार फिल्म पर आम चुनावों तक रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। जिसके बाद 28 मार्च को फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे अभिनेता विवेक ओबरॉय और निर्माता संदीप सिंह चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे थे। फिल्म को लेकर चुनाव आयोग ने फिल्म निर्माताओं को पहले से ही नोटिस जारी किया हुआ है। जिसपर जवाब देने के लिए 30 मार्च तक का समय दिया गया था।

माना जा रहा है कि चुनाव से कुछ दिन पहले एक राजनेता के जीवन पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन से मतदाताओं को किसी पार्टी विशेष की तरफ आकृष्ट किया जा सकता है, जिसे केबल नेटवर्क अधिनियम का उल्लंघन माना गया है। इसके तहत कोई भी प्रिंट मीडिया, जिनके वेब न्यूज पोर्टल भी हैं, बगैर चुनाव आयोग से अनुमति लिए ऐसा संदेश प्रसारित या प्रकाशित किया जाता है तो उन पर आचार संहिता उल्लंघन की कार्रवाई हो सकती है।

इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रधानमंत्री पर बनी फिल्म पर रोक लगाने के लिए जनहित याचिका दाखिल हुई थी। इस याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई होगी। भीम सेना के सनाउल्लाह की याचिका पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। अदालत को बताया गया है कि याची ने फिल्म की रिलीज रोकने को लेकर चुनाव आयोग से भी शिकायत की है।  


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