भारतीय जनता पार्टी और निषाद पार्टी का गठबंधन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मंजूरी के इंतजार में अटक गया है। भाजपा, निषाद पार्टी को पूर्वांचल की केवल एक सीट देने को तैयार है। भाजपा के रणनीतिकारों ने तय कर लिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट किसी गठबंधन को नहीं दी जाएगी। सपा से नाता टूटने के बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने बीते सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय और महामंत्री संगठन सुनील बंसल से बात की थी।
ये भी देखें- यूपी में इन 20 सीटों पर गठबंधन ही दिख रहा भारी, बिखर सकता है भाजपा का मिशन 74 का सपना
इस बातचीत में जौनपुर और घोसी में से कोई सीट निषाद पार्टी को देने, गोरखपुर के मौजूदा सपा सांसद प्रवीण निषाद को भाजपा में शामिल कर उन्हें गोरखपुर से उम्मीदवार बनाने सहित अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी।
ये भी देखें- 50 करोड़ रुपये लेकर एनडीए में शामिल हुए संजय निषाद
पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि गोरखपुर सीट गठबंधन या बाहरी उम्मीदवार को देने से गलत संदेश जाएगा। गोरखपुर से सरकार और संगठन की सहमति से काडर के किसी कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाएंगे। निषाद पार्टी को गठबंधन में जो भी सीट दी जाए, उस पर भी उनका उम्मीदवार ऐसा नहीं हो जिससे भाजपा की छवि खराब हो।