लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही भाजपा मुख्यालय में मंत्रिपरिषद की विदाई बैठक हुई थी। इस बैठक में ही नई कैबिनेट के गठन में बड़े बदलाव के संकेत मिले थे। अब सवाल यह है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ पार्टी और सरकार के छह सबसे अहम पदों की बागडोर किस-किस के हाथ में जाएगी।
भाजपा अध्यक्ष, लोकसभा स्पीकर, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी कौन उठाएगा, यह सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में है। अरुण जेटली पहले ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर खुद को मंत्री पद की दौड़ से बाहर कर चुके हैं। खराब स्वास्थ्य के चलते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी इस दौड़ में शामिल होना संशय में है।
दूसरी ओर सुमित्रा महाजन ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया था। जिसके चलते लोकसभा स्पीकर का पद भी रिक्त होना है। वहीं, खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सरकार की मुख्य धारा में आ सकते हैं। हालांकि, इसकी संभावनाएं कम ही हैं, लेकिन अगर ऐसा होता है तो वह गृह या वित्त मंत्रालय संभाल सकते हैं। शाह के साथ दूसरा मसला यह है कि पार्टी संविधान के अनुसार उन्हें तीन साल का एक और कार्यकाल मिल सकता है, इसलिए वह अभी कैबिनेट का हिस्सा न बनें।