नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को तेज बहादुर यादव की वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से उनका नामांकन पत्र रद्द किए जाने से संबंधित याचिका खारिज कर दी। तेज बहादुर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते थे।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता व न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका को अस्वीकार कर दिया। पीठ ने कहा कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है।
तेज बहादुर यादव ने अपने वकील प्रशांत भूषण के जरिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने बुधवार को निर्वाचन आयोग से यादव की याचिका का परीक्षण करने को कहा था।
अदालत ने कहा, "संविधान की धारा 32 के तहत दाखिल याचिका पर विचार करने का हमें कोई आधार नहीं मिला।" यादव के वकील ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि बर्खास्तगी बाधा बन रही है क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं।
यादव ने निर्वाचन अधिकारी के एक मई के आदेश को रद्द करने का निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत की दरवाजा खटखटाया था। निर्वाचन अधिकारी ने वाराणसी से यादव का नामांकन पत्र खारिज कर दिया था। तेज बहादुर यादव को सोशल मीडिया पर खाने की शिकायत करने के बाद सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किया गया था।