नई दिल्ली। जूनियर डॉक्टरों से मारपीट के खिलाफ पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक पहुंची हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की सभी मांगों को मान लिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें सीएम ने डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि हजारों लोग चिकित्सा उपचार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द सामान्य चिकित्सा सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने लगातार एक समाधान तक पहुंचने की कोशिश की थी।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच केंद्र सरकार हरकत में आ गया है। केंद्र ने राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी करते हुए तुरंत एक रिपोर्ट तलब की है। केंद्र की एडवाइजरी में कहा है गया है कि डॉक्टरों की हड़ताल का असर पूरे देश में पड़ रहा है और पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों के डॉक्टर भी इसमें शामिल हो गए हैं।
गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी में लिखा है कि मंत्रालय ने डॉक्टरों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मेडिकल संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, ये लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आए थे और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। पश्चिम बंगाल सरकार से इस बावत अपील की जाती है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजी जाए।
बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में दिल्ली के डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं, हड़ताली डॉक्टरों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मागों को नहीं माना गया तो रविवार को 14 अस्पतालों में ओपीडी और रुटीन सर्जरी भी बंद कर देंगे।
बता दें, पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक के डॉक्टर हडताल पर उतर आए हैं। उनकी मांग है कि डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करें। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक आदि प्रदेशों के डॉक्टर भी हडताल करेंगे। दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए 48 घंटों का अल्टीमेटम दिया है।