जनजाति के विकास के लिए मैं सेतु की भूमिका निभाऊंगा: राज्यपाल राम नाइक

लखनऊ। विमुक्त एवं घुमन्तु जनजाति विकास परिषद के बैनर तले राष्ट्रीय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन आज रविवार दिनांक 23 जून 2019 को सहकारिता भवन में किया गया। उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री राम नाइक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता विमूक्त घूमन्तु जनजाति विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण सिंह लोधी दादा ने की। इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रीय स्तर पर घूमन्तु एवं विमूक्त जनजातियों के लिए विकास कल्याण बोर्ड के गठन पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री भिकू रामजी इदाते को बधाई दी। इस अवसर पर राज्यपाल राम नाइक ने उक्त जनजातियों की मांगों पर गौर करते हुए कहा कि, इस बार स्थापित केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सबका का साथ-सबका विकास के साथ सबका विश्वास वाक्य जो जोड़ा है उसका अर्थ यही है कि समाज के सभी वर्गो और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी विकास से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि विमुक्त एवं घुमन्तु जनजातियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार का रवैया न केवल साकारात्मक है बल्कि राज्यपाल होने के नाते मैं दोनों सरकारों के बीच सेतु की भांति अपनी भूमिका निभाने को तैयार हूं। राज्यपाल ने देश के 13 राज्यों से आये अध्यक्षों एवं कार्यकर्ताओं का आहवान किया कि वह पूरी उर्जा के साथ एक नये रास्ते पर चलने के लिए तैयार रहें। राम नाइक ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर और संविधान का भी जिक्र करते हुए देशभर से आये विमुक्त एवं घुमन्तु जनजातियों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति पर सामानता का अधिकार लागू होता है।
इस अवसर पर घूमन्तु एवं विमूक्त जनजाति विकास कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष दादा भिकू रामजी इदाते ने जानकारी दी कि वह, उक्त जानजाति की रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपने के इरादे से पूरे तीन वर्षों तक एक दिन का भी अवकाश न लेते हुए पूरे देशभर का न केवल दौरा किया बल्कि एक विस्तृत रिपोर्ट भी भारत सरकार को सौंपी जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तत्काल इस जनजाति के लिए विकास कल्याण बोर्ड का गठने करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर विमूक्त घूमन्तु जनजाति विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण सिंह लोधी दादा ने उक्त जनजाति के आजादी की लड़ाई में योगदान पर चर्चा करते हुए इनके गौरवशाली इतिहास का वर्णन किया। लक्ष्मी नारायण सिंह ने राज्यपाल से भी यह भी कहा कि हमारा व्यक्तित्व बहादुरी और संघर्ष का है इसलिए हमें जम्मू-काश्मीर की समस्या देखते हुए अगर वहां भी भेज दिया जाय तो हम संघर्ष कर लेंगे।


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