वॉशिंगटन। भारत की ओर से रूस के साथ होने वाले S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सौदे को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन रोकने का प्रयास कर रहा हैं। इस बारे में अमेरिका ने कहा है कि लॉन्ग टर्म में यह निर्णय भारत के हित में नहीं होगा। इससे भारत के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी पर बहुत असर डालेगा। यह बात ओसाका में अमेरिका के सहयोगी विदेश मंत्री अलाइस वेल्स ने कही। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण एशिया के देशों को खुद चुनना होगा कि वे कहां से हथियार खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि समझौतों के अनुसार अमेरिका से ज्यादा हथियारों की खरीदारी होनी चाहिए लेकिन भारत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने जा रहा है।
इस सरकार का उद्देश्य भारत की रक्षा सौदों में सहायता करना है और रक्षा सौदे के मामले में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा सहयोगी है। उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ सौदा हमारे सहयोग पर असर डालेगा। आपको बताते जाए कि अमेरिका ने भारत को एस-400 की जगह पैट्रियॉट- 3 मिसाइल खरीदने का भी ऑफर दिया। ट्रंप प्रशासन ने बताया कि वह दिल्ली को टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एरिया डिफेंस और पैट्रियॉट -3 बेचना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच व्यापक चर्चा के बाद 5 अरब डॉलर का समझौता किया गया है जिसमें एस-400 रक्षा प्रणाली की खरीद शामिल है।