योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली प्रदेश सरकार में बड़े पैमाने पर बदलाव की सुगबुगाहट है। कैबिनेट से कई मंत्रियों की छुट्टी होगी और कुछ के विभाग बदले जाएंगे। तीन-चार मंत्री प्रोन्नत हो सकते हैं। वहीं, नए लोगों को सरकार में काम करने का मौका मिलेगा।
योगी सरकार में अभी 43 मंत्री हैं। लोकसभा चुनाव जीतने वाले तीन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, डॉ. एसपी सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी ने इसी महीने इस्तीफा दिया है। इससे पहले दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटाया जा चुका है। निर्धारित मानक के अनुसार सरकार में मुख्यमंत्री समेत 60 मंत्री रह सकते हैं। ऐसे में 17 मंत्री शामिल करने की गुंजाइश अभी बची हुई है।
कैबिनेट में सभी पद तो नहीं भरे जाएंगे, लेकिन माना जा रहा है कि 10 से 12 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कई मौजूदा मंत्रियों को हटाने की तैयारी है। इसका आधार उनकी परफॉरमेंस रहेगी। वहीं, कुछ मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
संभावना है कि मंत्रियों के विभागों में भी बड़े स्तर पर फेरबदल किया जाएगा। नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। दो-तीन मौजूदा मंत्री प्रोन्नत हो सकते हैं। काबीना के फेरबदल में अधिकतर नए मंत्री राज्यमंत्री स्तर के होंगे। दो-तीन नए मंत्री स्वतंत्र प्रभार या कैबिनेट स्तर के भी हो सकते हैं। मंत्रिपरिषद का विस्तार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
अपना दल के आशीष बन सकते हैं मंत्री
कैबिनेट के विस्तार में अपना दल (एस) को प्रतिनिधित्व मिलेगा। संभावना है कि विधान परिषद सदस्य आशीष सिंह पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। केंद्र सरकार में अनुप्रिया पटेल को मंत्री नहीं बनाए जाने से इसकी संभावना और प्रबल हो गई है। हालांकि अनुप्रिया को केंद्रीय कैबिनेट के अगले विस्तार में मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है। 2014 में ऐसा ही हुआ था।
पिछड़ों, दलितों की हिस्सेदारी बढ़ेगी
लोकसभा चुनाव में शानदार कामयाबी के बाद योगी मंत्रिमंडल में पिछड़ों व दलितों की नुमाइंदगी बढ़ेगी। अनुसूचित जाति में सर्वाधिक तादाद होने के बावजूद कोई जाटव मंत्री नहीं है। इस कमी को विस्तार में पूरा कर लिया जाएगा। पश्चिमी यूपी से अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले किसी विधायक को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
इसी तरह जातीय संतुलन साधने की कोशिश भी की जाएगी। किसी गुर्जर को भी मंत्री बनाया जा सकता है। सांसद चुने जाने के बाद जिन तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है, उनमें दो ब्राह्मण व एक अनुसूचित जाति से हैं। ऐसे में कैबिनेट में कम से कम दो ब्राह्मणों को शामिल किए जाने की संभावना है।
अटकलें लग रहीं, कब होगा विस्तार
प्रदेश कैबिनेट में फेरबदल व विस्तार की खूब अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि विस्तार विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले होगा या उसके तुरंत बाद। चर्चा यह भी है कि काबीना का विस्तार सितंबर-अक्तूबर में प्रस्तावित विधानसभा उपचुनावों के बाद होगा। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम निर्णय दिल्ली से होना है। फेरबदल जब भी हो, लेकिन दावेदारों ने सक्रियता बढ़ा दी है।