भारत कभी धार्मिक राष्ट्र नहीं रहा, न हो सकता है: आईसीसीआर



खास बातें



  • बहुलवाद भारत के विचार का एक अभिन्न अंग

  • सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भारत के भीतर विखंडन को रोकने की आवश्यकता है

  • खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा की घटनाओं पर कई बार चिंता जता चुके हैं



 

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भारत कभी भी धार्मिक देश नहीं रहा है और न कभी हो सकता है। हडसन इंस्टीट्यूट थिंकटैंक के एक सवाल के जवाब में भारत सरकार के स्वायत्त संगठन आईसीसीआर ने यह बात कही।
 

अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान आईसीसीआर के अध्यक्ष सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि बहुलवाद भारत के विचार का एक अभिन्न अंग है। भारत कभी भी धार्मिक राष्ट्र नहीं रहा और न तो कभी हो सकता है। भारत बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को लेकर दिखाए रास्ते पर चलने वाला देश है। संभावनाएं और न्यू इंडिया के लिए चुनौतियां विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भारत के भीतर विखंडन को रोकने की आवश्यकता है। 

हडसन स्कॉलर अपर्णा पांडे के हिंसा को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के उद्देश्यों और इरादों पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद ऐसी घटनाओं को मीडिया में ज्यादा तवज्जो दी गई। क्या पहले की सरकारों में ऐसी घटनाएं नहीं होती थीं? खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा की घटनाओं पर कई बार चिंता जता चुके हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इसकी पुनरावृत्ति रोकने का निर्देश दिया था।' 
 



 

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में भी ब्राह्मणों के बलिदान का एक पृथक वर्चस्व रहा है।
चित्र
ब्रिटेन की नई हुकूमत के समक्ष चुनौतियों की भरमार?
चित्र
अहमदाबाद: 17 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा, एक लाख साड़ियां और...अमित शाह