लखनऊ। उत्तरप्रदेश के उन्नाव रेप केस में (Unnao Rape Case) सीबीआई ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (MLA Kuldeep Sengar) और उसके भाई मनोज समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं, सीबीआई ने 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी हत्या, हत्या की कोशिश, क्रिमिनल कांस्पिरेसी के तहत एफआईआर दर्ज की है।
उन्नाव रेप पीडि़ता के साथ हुए सडक़ हादसे से कई सवाल उठ रहे हैं। वहीं पीडि़ता के परिवार का भी दावा है कि यह सब साजिशन किया गया है। उनका कहना है कि इस बात का गवाह रायबरेली के पास का वो पूरा गांव है जहां यह हादस हुआ। सब गांववाले कह रहे हैं कि ये जानबूझकर किया गया। पीडि़ता के परिवार का कहना है कि वे हमें मामला वापस लेने के लिए लगातार धमका रहे थे। वे हमारे घर आकर कहते थे कि तुम्हारे पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। उन्होंने कर दिया। परिवार का कहना है कि इस बात में कोई शक नहीं है कि यह सब सेंगर और उनके आदमियों ने करवाया है।
1. क्यों गायब थे सुरक्षाकर्मी...
वहीं हादसे पर नजर डालें तो कई ऐसी बातें है जिसके तह में जाने पर साजिश की बू नजर आती है। पहली बात यह कि जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त पीड़िता को मिले सुरक्षाकर्मी कहां गायब थे? उन्नाव रेप केस के बाद लगातार मिल रही धमकी की वजह से पीड़िता और उसके परिवार को शिफ्ट के मुताबिक 7 सुरक्षाकर्मी मिले थे। जिसमें 4 घर और परिवार की सुरक्षा और 3 पीड़िता के साथ आने-जाने के वक्त ड्यूटी पर रहते थे, लेकिन रायबरेली जेल से जब पीड़िता और उसका परिवार वापस घर जा रहा था तो सुरक्षकर्मी साथ नहीं थे।
2. रॉन्ग साइड से आ रहा था ट्रक...
दूसरी बात यह कि जिस ट्रक से ये हादसा हुआ वो सडक़ पर रॉन्ग साइड से आ रहा था। इतना ही नहीं ट्रक का नंबर प्लेट भी पुता हुआ था। पीडि़ता के साथ पुलिसवालों का न होना भी शक पैदा करता है।
3. रेनकोट पहना एक आदमी पीडि़ता की कार का कर रहा था पीछा...
वहीं तीसरी बात यह कि पीडि़ता की कार का रेनकोट पहना एक आदमी पीछ भी कर रहा था। आसपास के लोगों का कहना है कि वो लगातार फोन पर किसी को घटना की जानकारी दे रहा था। इतना ही नहीं ट्रक से टक्कर के बाद उसने हादसे का वीडियो भी बनाया। बाद में जब लोगों ने उसका विरोध किया तो वह शख्स घटना स्थल से भाग गया। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि रेनकोट पहना वो शख्स कौन था और वो फोन पर किसे हादसे की जानकारी दे रहा था। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस घटना को साजिशन अंजाम दिया गया जैसा कि पीडि़ता के परिवार वाले कह रहे हैं। कहीं वो सबूत को तौर पर तो वीडियो नहीं बना रहा था। ऐसे कई बाते हैं जो इस घटना पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
बता दें कि बीते रविवार रायबरेली के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक कार को टक्कर मार दी थी, जिसमें पीडि़ता और उनकी महिला रिश्तेदार तथा वकील सवार थे। इस हादसे में पीडि़ता की दोनों महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई है, वहीं पीडि़ता और उनके वकील महेंद्र सिंह की हालत बेहद नाजुक है और वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टरों ने बताया है कि दोनों घायलों को कई फ्रैक्चर और सिर पर चोटें आई हैं।