भारत मे होम्योपैथी को स्थापित करने का श्रेय डॉ. सक्सेना को: प्रो. डॉ बीएन सिंह

 लखनऊ। आरोग्य रिसर्च फाउंडेशन के तत्वाधान में पदमश्री डॉ के जी सक्सेना जयंती समारोह एवं वैज्ञानिक संगोष्ठि के आयोजन हैनिमैन हाल, सेंटर फॉर एडवांस स्टडी इन होम्योपथी, जानकीपुरम, लखनऊ में किया गया। अथितियों ने डॉ केजी सक्सेना एवं डॉ हैनिमैन के चित्र प रमाल्यापर्ण कर एवं दीपप्रज्वलित कर समारोह के शुभारंभ किया।।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफ. डॉ बीएन सिंह ने कहा कि भारत मे होयोपॅथी को स्थापित करने का श्रेय डॉ. सक्सेना को जाता है। उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया उन्हें डॉ सक्सेना के व्यक्तिव एवं संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए।


इस अवसर पर केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. अनिरुद्ध वर्मा ने कहा कि भारत होम्योपैथी के खेत्र में विश्व अग्रणी देश है। भारत के हर पाचवा रोगी होम्योपैथी अपना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत मे होम्योपैथिक को मान्यता दिलाने, केंद्रीय अनुसंधान परिषद, केंद्रीय होम्योपैथी परिषद, होम्योपैथी फार्माकोपिया लेबोरेटरी, सीजीएस के स्थापना में डॉ. सक्सेना के महत्वपूर्ण योगदान है।


एशियन होम्योपैथिक मेडिकल लीग के अध्यक्ष डॉ. गिरीश गुप्ता ने कहा कि डॉ. सक्सेना युवा चिकित्सको को आगे बढ़ने के महत्वपूर्ण कार्य करते थे। उन्होंने कहा कि युवाचिकित्सको को अपने बड़ो से सीखना चाहिये। इस अवसर पर नॅशनल होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के बीएच्एमएस के अंतिम वर्ष की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को समृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। 


इस अवसर पर डॉ ओपी श्रीवास्तव ने अपने शोध पत्र में बताया कि थायरोइड के रोगों के होम्योपैथी में सफल उपचार उपलब्ध है।।वो भी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के। इस मे रोगी को जीवन भर दवाइयां नही लेनी पड़ती है।।होम्योपैथी अनुसंधान के पूर्व सहायक निदेसक डॉ. जेपीसिंह ने बताया कि होम्योपैथी में संक्रामक रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्वाइन फ्लू इत्यादि से बचाव के दवायां उपलब्ध है।


कायक्रम में आये अतिथियों के स्वागतडॉ अविनाश श्रीवस्तव एवं संचालन डॉ सुगंधा श्रीवास्तव एवं ग़ज़ल सिन्हा ने किआ। समारोह में डॉ रेमहेंद्र, डॉ पंकज श्रीवास्तव, डॉ पीसी श्रीवास्तव, डॉ कुलदीप माथुर, डॉ आशीष वर्मा, डॉ पीके मौर्य ,डॉ दुर्गेश एवं डॉ अर्पित श्रीवास्तव आदि विशेश रूप से पस्थित थे।


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