नई दिल्ली। एक सितंबर 2019 से कई नियमों में बदलाव हुआ है। 1 सितंबर से कई चीजें बदलने वाली हैं, कुछ नियमों की वजह से आपको फायदा भी होगा तो कहीं नुकसान भी हो सकता है। 1 सितंबर 2019 से नए ट्रैफिक नियम के साथ आयकर, ऑनलाइन रेल टिकट, ई वॉलेट, किसान क्रेडिट कार्ड समेत कई चीजे बदलने वाली है। इसका आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी प्रभाव पड़ेगा। वहीं सितंबर महीने की पहली तारीख को ही आम आदमी को महंगाई का झटका लगा है।
दरअसल, एलपीजी गैस सिलेंडर के कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। पेट्रोलियम कंपनियों की अधिसूचना के मुताबिक, बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस प्रति सिलेंडर 15.5 रुपये महंगी हो गई है। बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 15.5 रुपए महंगा होकर 590 रुपए का हो गया है। अगस्त में इसकी कीमत 574.50 रुपए थी।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कीमत 590 रुपए, कोलकाता में 616.50 रुपये, मुंबई में 562 रुपए और चेन्नई में 606.50 रुपए हो गया है। वहीं, 19 किलोग्राम सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1054.50 रुपये, कोलकाता में 1114.50 रुपए, मुंबई में 1008.50 रुपए और चेन्नई में 1174.50 रुपए है।
बता दे, पिछले दो महीने सिलेंडर की कीमतों में लगातार कमी के बाद यह बढ़ोतरी की गई है। मालूम हो कि सब्सिडीयक्त रसोई गैस सिलेंडर के लिए उपभोक्ताओं को रिफिल लेते समय बाजार मूल्य पर भुगतान करना होता है। उसके बाद सब्सिडी राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में डाल दी जाती है। उपभोक्ताओं को एक साल में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर मिलते हैं।
गौरतलब है कि औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के अनुरूप एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होते हैं, जिसके आधार पर सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता है। जब अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि होती है तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है, लेकिन कर नियमों के अनुसार रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है। ऐसे में सरकार ईंधन की कीमत के एक हिस्से को तो सब्सिडी के तौर पर दे सकती है, लेकिन कर का भुगतान बाजार दर पर करना होता है। इसके चलते कीमतों में वृद्धि होती है।