दशहरे पर गई थी 61 जान : भुलाए नहीं भूलता वह मंजर, इंसाफ के लिए लोग कर रहे प्रदर्शन

अमृतसर। ठीक एक साल पहले दशहरे के दिन हुए दर्दनाक हादसे के जख्म आज एक बार फिर हरे हो गए। पिछले साल दशहरा 19 अक्टूबर को था। अमृतसर के जोड़ा रेलवे फाटक के पास दशहरे के आयोजन पर रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई थी। घटना को लेकर काफी राजनीति हुई थी।



ट्रेन ड्राईवर, कार्यक्रम के आयोजक के साथ-साथ पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर भी आरोप लगे थे, जो कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं और घटनास्थल छोड़ कर चली गई थीं। तब सिद्धू ने प्रशासन की ओर मदद का वादा किया था। वे वादे आज तक पूरे नहीं हुए। इसे लेकर लोग आज मंगलवार को सडक़ पर उतर आए और रेलवे ट्रैक के पास प्रदर्शन कर रहे हैं।


कैंडल मार्च करते हुए लोग सिद्धू मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि पूर्व मंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धू ने अपना वादा पूरा नहीं किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में दो पोस्टर लिए हुए हैं। एक में उनके अपनों की फोटो थी तो दूसरे में सिद्धू दंपत्ति और आयोजक की तस्वीर है जिनके चेहरे पर क्रॉस बनाया गया है।


जानकारी के मुताबिक, सिद्धू अभी तक सभी पीडि़तों के परिजनों से मिले तक नहीं हैं। परिजनों का कहना है कि हमने पिछले दिनों सिद्धू के घर के बाहर प्रदर्शन किया था लेकिन वे बाहर भी नहीं आए। सिद्धू ने हमारे बच्चों की शिक्षा का खर्चा उठाने और नौकरी दिलाने को कहा था लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया है और हम लोग प्रदर्शन करते-करते थक गए है।


टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में भी ब्राह्मणों के बलिदान का एक पृथक वर्चस्व रहा है।
चित्र
ब्रिटेन की नई हुकूमत के समक्ष चुनौतियों की भरमार?
चित्र
अहमदाबाद: 17 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा, एक लाख साड़ियां और...अमित शाह