कश्मीर दौरे पर पहुंचे यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने प्रेस कांफ्रेंस कर पाकिस्तानी दुष्प्रचार की पोल खोल दी। उन्होंने मीडिया द्वारा उनके दौरे को लेकर की गई गलत रिपोर्टिंग की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि हमारे दौरे को गलत प्रचारित किया गया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक सांसद ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान से दहशतगर्दों को फंडिंग होती है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम भारत के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि हमने भारतीय सेना से आतंक से निपटने के तरीके पूछे। हमारे दौरे पर विवाद गलत है। 40 साल में 20 से ज्यादा बार भारत आया। पाकिस्तान के दौरे पर भी जा चुका हूं। कश्मीरी लोग शांति और विकास चाहते हैं।
ओवैसी के नाजी वाले आरोपों के जवाब में एक सांसद ने कहा कि अगर हम नाजीवादी होते तो जनता हमें न चुनती। आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय समस्या है। आतंकवाद किसी भी देश को तबाह नहीं कर सकता। इस पर रोक लगनी चाहिए। हम कश्मीर को दूसरा अफगानिस्तान बनते नहीं देखना चाहते हैं।
ब्रिटेन के एक सांसद ने मंगलवार को कुलगाम में हुए पांच लोगों की हत्या पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि यूरोप में हम हजारों साल तक एक दूसरे से लड़ते रहे लेकिन अब हमने भी शांति से रहना सीख लिया है। हम यहां जानकारियां लेने पहुंचे हैं जिससे यहां के हालात को समझ सकें।
उन्होंने कहा कि हमने यहां लोगों से बातचीत की जिससे स्थानीय मुद्दों को समझने में मदद मिली। एक कश्मीरी ने बताया कि यहां बहुत ज्यादा भष्टाचार है, दिल्ली से जो पैसा आता है वो भष्ट्राचार की भेंट चढ़ जाता है।
एक सांसद ने कहा कि सब चाहते हैं कि कश्मीर में स्कूल-कॉलेज और अस्पताल खुले। कश्मीर आना हमारे लिए अच्छा अनुभव रहा। भारत की जो आंतरिक राजनीति है उससे हमारा कोई मतलब नहीं है।
एक अन्य सासंद ने खुद को नाजी बताए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि भारत की जो आंतरिक राजनीति है उससे हमारा कोई मतलब नहीं है। लेकिन हमें नाजीवादी बताना गलत हैं।
संसद के सदस्य थेरी मरियानी ने कहा कि मैं करीब 20 बार भारत आ चुका हूं। इससे पहले दिल्ली, मुंबई और बंगलूरू जैसे शहरों में गया था। हमारा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। कश्मीर में स्थितियां अब लगभग सुलझने को हैं। एक अन्य सांसद ने कहा कि हमें भारत को समर्थन करने की जरूरत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।