उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के गंभीर प्रयास से महिला बंदी के मानसिक रोगी बच्चों को मिला नया आश्रय l उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव जिला जज श्री अजय त्यागी के निर्देशन में दिनांक 12 सितंबर 2019 को मोहनलालगंज स्थित नारी बंदी निकेतन (महिला जेल) में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर लगाया गया था l
शिविर के दौरान संज्ञान में आया कि एक महिला बंदी कुसुमलता पत्नी रामकुमार (नाम परिवर्तित) के साथ उसके लगभग 18 वर्ष एवं 20 वर्ष की उम्र के 2 मानसिक रोगी बच्चे भी लगभग 10 वर्षों से जेल में रह रहे हैं l नारी बंदी निकेतन की अधीक्षक नयनतारा बनर्जी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विगत 10 वर्षों से वह उन बच्चों के पुनर्वास के लिए प्रयास कर रही हैं लेकिन अभी तक ऐसा संभव नहीं हो पाया है ।
सदस्य सचिव श्री अजय त्यागी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने दोनों बच्चों का जेल में चिकित्सीय परीक्षण करने पर, उन्हें गंभीर मानसिक रोग से पीड़ित पाया। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जानकीपुरम लखनऊ स्थित दृष्टि सामाजिक संस्थान से संपर्क किया गया और दिनांक 15 अक्टूबर 2019 को महिला बंदी कुसुमलता की सहमति से उसके दोनों बच्चों को उक्त संस्थान में दाखिल करा दिया गया ।
दृष्टि सामाजिक संस्थान के अध्यक्ष श्री धीरेश बहादुर द्वारा अवगत कराया गया की दृष्टि सामाजिक संस्थान में मानसिक रोगी बच्चों की पढ़ाई लिखाई, कौशल विकास, देखभाल, इलाज तथा आवास की उचित एवं निशुल्क व्यवस्था है । उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री अजय त्यागी के गंभीर प्रयास से उक्त दोनों बच्चों को कारागार से निकाल कर उनका पुनर्वास संभव हो पाया यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मनोज पांडे, उपसचिव,उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ