महाराष्ट्र में सत्ता की खींचतान के बीच भाजपा ने सोमवार को शिवसेना के पास आखिरी प्रस्ताव भेजा है जिसमें शिवसेना को 16 मंत्री पद देने की बात है, हालांकि इसमें मुख्यमंत्री की कुर्सी साझा नहीं होगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद यह फार्मूला आया है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा द्वारा प्रस्तावित मंत्रालयों में गृह, वित्त, नगर विकास और राजस्व मंत्रालय नहीं हैं। जबकि शिवसेना इनकी मांग कर रही है। ज्यादा जोर दिए जाने पर भाजपा राजस्व विभाग शिवसेना को देने पर विचार कर सकती है। तमाम खींचतान और नाराजगी के बावजूद दोनों दलों में पर्दे के पीछे बात चल रही है।
मगर भाजपा के प्रस्ताव से साफ है कि वह शिवसेना को किसी कीमत पर मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं देगी। सूत्रों के मुताबिक गेंद अब शिवसेना के पाले में है, भाजपा के साथ सत्ता में आने के लिए उसे अपनी सीएम की जिद छोड़ने पड़ेगी। इससे पहले भाजपा ने शिवसेना को 13 मंत्री पद देने पर सहमति जताई थी परंतु अब थोड़ा झुकते हुए 16 तक आ गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, प्रभारी भूपेंद्र यादव और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सरकार गठन पर अलग-अलग मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द सरकार बनाने की जरूरत है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा द्वारा प्रस्तावित मंत्रालयों में गृह, वित्त, नगर विकास और राजस्व मंत्रालय नहीं हैं। जबकि शिवसेना इनकी मांग कर रही है। ज्यादा जोर दिए जाने पर भाजपा राजस्व विभाग शिवसेना को देने पर विचार कर सकती है। तमाम खींचतान और नाराजगी के बावजूद दोनों दलों में पर्दे के पीछे बात चल रही है।
मगर भाजपा के प्रस्ताव से साफ है कि वह शिवसेना को किसी कीमत पर मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं देगी। सूत्रों के मुताबिक गेंद अब शिवसेना के पाले में है, भाजपा के साथ सत्ता में आने के लिए उसे अपनी सीएम की जिद छोड़ने पड़ेगी। इससे पहले भाजपा ने शिवसेना को 13 मंत्री पद देने पर सहमति जताई थी परंतु अब थोड़ा झुकते हुए 16 तक आ गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, प्रभारी भूपेंद्र यादव और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सरकार गठन पर अलग-अलग मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द सरकार बनाने की जरूरत है।
गुत्थी नहीं सुलझी तो अल्पमत सरकार बना सकती है भाजपा
वहीं अगर सियासी गुत्थी न सुलझी तो भाजपा पहले की तरह सूबे में अल्पमत सरकार बना सकती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी शिवसेना को पहले से अधिक मंत्री पद के साथ जैसे अहम मंत्रालय देने के लिए राजी है। लेकिन पार्टी चाहती है कि बातचीत की पेशकश शिवसेना प्रमुख उद्घव ठाकरे की ओर से आए।