पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद गुरुवार को संसद पहुंचे और कहा कि सरकार संसद में उनकी आवाज दबा नहीं सकती। उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। संसद परिसर में उन्होंने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदर्शन भी किया। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और प्रधानमंत्री मोदी इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
प्रेस कांफ्रेस में ये बोले चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा, 'मंत्री के रूप में मेरा रिकॉर्ड और विवेक बिल्कुल स्पष्ट है। जिन अधिकारियों ने मेरे साथ काम किया, जिन उद्योगपतियों ने मुझसे बातचीत की और जिन पत्रकारों ने मेरा अवलोकर किया। वह इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं।'
यदि इस साल के खत्म होने तक विकास दर 5 प्रतिशत को छू लेता है तो हम भाग्यशाली होंगे। कृपया डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम की चेतावनी को याद रखिये कि इस सरकार के अतंर्गत पांच प्रतिशत विकास दर संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण। यह असल में पांच प्रतिशत नहीं है बल्कि 1.5 प्रतिशत कम है। प्रधानमंत्री आमतौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर चुप रहते हैं। उन्होंने इसे अपने मंत्रियों के ऊपर छोड़ दिया है कि वे झांसा दें। इसका परिणाम यह निकला कि जैसा अर्थशास्त्री ने कहा, यह है कि सरकार अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधक बन गई है।
उन्होंने कहा, 'जैसा ही कल रात आठ बजे बाहर निकलकर मैंने स्वतंत्रता की हवा में सांस ली तो सबसे पहले मैंने कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए प्रार्थना की जिनकी चार अगस्त, 2019 से स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा हुआ है। मैं उन राजनेताओं को लेकर चिंतित हूं जिन्हें बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया है। स्वतंत्रता अविभाज्य है, यदि हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करना है तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।'
यदि इस साल के खत्म होने तक विकास दर 5 प्रतिशत को छू लेता है तो हम भाग्यशाली होंगे। कृपया डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम की चेतावनी को याद रखिये कि इस सरकार के अतंर्गत पांच प्रतिशत विकास दर संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण। यह असल में पांच प्रतिशत नहीं है बल्कि 1.5 प्रतिशत कम है। प्रधानमंत्री आमतौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर चुप रहते हैं। उन्होंने इसे अपने मंत्रियों के ऊपर छोड़ दिया है कि वे झांसा दें। इसका परिणाम यह निकला कि जैसा अर्थशास्त्री ने कहा, यह है कि सरकार अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधक बन गई है।
उन्होंने कहा, 'जैसा ही कल रात आठ बजे बाहर निकलकर मैंने स्वतंत्रता की हवा में सांस ली तो सबसे पहले मैंने कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए प्रार्थना की जिनकी चार अगस्त, 2019 से स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा हुआ है। मैं उन राजनेताओं को लेकर चिंतित हूं जिन्हें बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया है। स्वतंत्रता अविभाज्य है, यदि हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करना है तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।'
संसद की कार्यवाही में लिया हिस्सा
चिदंबरम ने कहा कि मैं वापस आकर खुश हूं। सरकार संसद में मेरी आवाज नहीं दबा सकती। कांग्रेस सांसदों ने आज संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्याज की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया जिसमें पी चिदंबरम के अलावा गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, कुमारी शैलजा, के सुरेश, कार्ति चिदंबरम आदि ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस सांसदों के हाथों में पोस्टर थे जिस पर लिखा था 'महंगाई पर प्याज की मार, बंद करो मोदी सरकार'। वे प्याज की कीमत कम करने के लिए कदम उठाने की मांग भी कर रहे थे। कांग्रेस सांसद अपने साथ एक टोकरी प्याज भी लेकर आए थे।
चिदंबरम सुबह बैठक शुरू होने पर सदन में आए और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे हाथ मिलाते हुए उन्हें गले लगाया। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी उनसे हाथ मिलाया। अगली सीट पर बैठे चिदंबरम पास बैठे ए के एंटनी और आनंद शर्मा से बातचीत करते देखे गए।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं।
कांग्रेस सांसदों के हाथों में पोस्टर थे जिस पर लिखा था 'महंगाई पर प्याज की मार, बंद करो मोदी सरकार'। वे प्याज की कीमत कम करने के लिए कदम उठाने की मांग भी कर रहे थे। कांग्रेस सांसद अपने साथ एक टोकरी प्याज भी लेकर आए थे।
चिदंबरम सुबह बैठक शुरू होने पर सदन में आए और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे हाथ मिलाते हुए उन्हें गले लगाया। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी उनसे हाथ मिलाया। अगली सीट पर बैठे चिदंबरम पास बैठे ए के एंटनी और आनंद शर्मा से बातचीत करते देखे गए।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं।