नई दिल्ली. भाजपा (BJP) को अमित शाह (Amit Shah) के स्थान पर सोमवार को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) मिल सकता है है. भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के इस पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने की उम्मीद है. राज्यों से भाजपा के नेताओं सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के नड्डा के समर्थन में नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए भाजपा मुख्यालय (BJP Headquarters) पहुंचने की उम्मीद है. नड्डा भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की पसंद के तौर पर देखे जा रहे हैं.
वहीं रविवार को पार्टी की एक बैठक हुई जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम विजय रूपाणी, सीएम त्रिवेंद्र रावत, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव समेत कई बड़े नेताओं ने शिरकत की.
जेपी नड्डा ने राजनीति में शुरूआत छात्र राजनीति से की थी. संगठन में उनका दशकों पुराना अनुभव, आरएसएस (RSS) से उनकी नजदीकी और स्वच्छ छवि उनकी ताकत है. भाजपा के वरिष्ठ नेता राधामोहन सिंह (Radhamohan Singh) पार्टी के संगठन चुनाव प्रक्रिया के प्रभारी हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन पत्र 20 जनवरी को दाखिल किये जाएंगे और जरूरी होने पर अगले दिन चुनाव होगा.
भाजपा की है ऐसी परंपरा
भाजपा में अध्यक्ष आम सहमति से और बिना किसी मुकाबले के चुने जाने की परंपरा है और इसकी कम ही संभावना है कि इस बार भी उस परंपरा से कुछ हटकर होगा.
नये अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का साढ़े पांच वर्ष से अधिक का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा जिस दौरान भाजपा ने देशभर में अपने आधार का विस्तार किया. शाह का कार्यकाल भाजपा के लिये चुनावों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ काल था, हालांकि पार्टी को कुछ राज्य विधानसभा चुनावों में झटके भी लगे.
जुलाई में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे नड्डामोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शाह के गृहमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उनका उत्तराधिकारी चुनने की कवायद शुरू कर दी थी क्योंकि पार्टी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ की परंपरा रही है.
नड्डा को गत वर्ष जुलाई में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. यह इस बात का संकेत था कि हिमाचल प्रदेश से भाजपा के नेता संगठन के शीर्ष पद के लिए संभावित पसंद हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली थी यूपी की कमान
नड्डा 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान के प्रभारी थे जहां पार्टी को सपा और बसपा के महागठबंधन से कड़ी चुनौती थी.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की. आम चुनावों में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण राज्य संभालने के अलावा नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे. वह संसदीय बोर्ड के एक सदस्य रहे हैं जो कि पार्टी का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.
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