न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक रविवार को फिर ईरान ने अमेरिका पर बड़ा हमला किया है. उसने इराक के अल बलाद एयरबेस पर अमेरिकी ठिकानों पर 8 रॉकेट दागे हैं, जिसमें चार लोग जख्मी हो गए. घायलों में दो इराकी अफसर और दो एयरमैन शामिल हैं. न्यूज एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है. इस वक्त पूरी दुनिया की नजर ईरान और अमेरिका के तनाव पर है. दोनों देशों के बीच जंग का खतरा मंडराता नजर आ रहा है. इससे पहले ईरान, इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर दर्जन भर से ज्यादा मिसाइलों से हमला कर चुका है.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक इराक के अल-बलाद एयरबेस पर अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान ने 8 रॉकेट दागे हैं, जिसमें 4 लोग जख्मी हो गए हैं. अल-बलाद एयरबेस इराक के एफ-16 लड़ाकू विमानों का मुख्य एयरबेस है, जिसे उसकी हवाई क्षमता अपग्रेड करने के लिए अमेरिका से खरीदा गया है. मिलिट्री सूत्रों ने एएफपी को बताया कि इस बेस पर अमेरिकी एयरफोर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स का छोटा दस्ता है. लेकिन अधिकतर को पिछले दो हफ्ते से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण वहां से हटा लिया गया है. ईरानी गार्ड का कहना है कि उनके 8 जनवरी के हमले का मकसद किसी अमेरिकी सैनिक को मारना नहीं था. फिलहाल लेकिन इतना साफ है कि ईरान ने इस हमले से जता दिया है कि अमेरिका के खिलाफ उसके तेवर अभी ढीले नहीं पड़े हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इशारा किया था कि ईरान से अभी भी बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि ट्रंप अभी भी ईरान के नेताओं के साथ बातचीत करने के इच्छुक थे. मगर इस हमले के बाद यह कहना मुश्किल है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य हो पाएं.
बता दें कि जहां अमेरिका ईरान से बातचीत के लिए तैयार है, वहीं अब ऐसी स्थितियां बनती दिख रही हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं होने वाले हैं. ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट दागे हैं. अमेरिकी सेना का ऐसा रवैया रहा है कि कभी अटैक के बाद चुप नहीं बैठती. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को लेकर नरम पड़ते हुए दिखाई पड़ रहे थे. ईरान में अपनी ही सरकार को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए प्रदर्शनकारियों को नहीं मारने की बात कही थी.