लखनऊ। दिल्ली हिंसा और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोपी आम आदमी पार्टी का नेता व पार्षद ताहिर हुसैन अब दिल्ली पुलिस के शिकंजे में है। उसकी कोर्ट में पेशी आज है। इतना तो तय है कि उसके बयान से कई चौंकाने वाले खुलासे होने वाले हैं। कई अहम सवाल है जिनके जवाब तलाशने होंगे-
सवाल=
पार्षद के घर पर इतनी मात्रा में ईंट-पत्थर, पेट्रोल बम, हथियार आखिर कैसे कब और क्यों लाए गये थे?
दिल्ली दंगे की साजिश कब और किसने रची?
इस दंगे को ठीक अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे के दिन ही क्यों अंजाम दिया गया?
आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या को किसके उकसावे पर अंजाम दिया गया?
अंकित को इतनी क्रूरता से मारने के पीछे कौन सी घिनौनी सोच थी?
अगर दंगा सुनियोजित था तो इसकी जानकारी हमारे सुरक्षा तंत्र को समय रहते क्यों न हो सकी?
दंगे के पहले ही दिन पूरी तरह से सख्ती न दिखा पाने और इसकी गंभीरता न समझ पाने मेंं सुरक्षातंत्र क्या फेल रहा?
क्या वाकई सत्ता विरोधी राजनीतिक दलों का भी इस दंगे में हाथ है?
दंगों में कितने लोग मारे गये, कितने बच्चे और कितनी महिलाएं?
ताहिर हुसैन को आज कोर्ट में पेश करेगी दिल्ली पुलिस अंकित शर्मा की हत्या के दौरान इलाके में थी मौजूदगी
दिल्ली हिंसा के मामले में कई संगीन इल्ज़ामों का सामना कर रहा पार्षद ताहिर हुसैन दिल्ली पुलिस के शिकंजे में आ गया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर करने आए ताहिर हुसैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अब ताहिर की कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है. इस बीच आज ताहिर हुसैन को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.
ये एफआईआर खजूरी में तैनात एक कांस्टेबल संग्राम सिंह ने दर्ज करवाई थी, जिसमें ताहिर के घर से पेट्रोल बम और पत्थर फेंकने की बात कही गई. इस हमले में उपद्रवियों ने संग्राम सिंह की मोटर साइकिल जला दी थी. संग्राम सिंह ने इस एफआईआर में बताया है कि ताहिर के घर से फेंके जा रहे पेट्रोल बम से बगल में होने वाली शादी का सामान जल गया था.
ताहिर हुसैन के कॉल रिकॉर्ड में पता चला कि वह 24 से 27 फरवरी तक मुस्तफाबाद के पास ही था. चांद बाग भी मुस्तफाबाद में पड़ता है. ताहिर का दावा है कि हिंसा के दौरान और बाद में वो अपनी बिल्डिंग या बिल्डिंग के आस पास की गलियों और इलाकों में रहा. 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन दिल्ली के जाकिर नगर में मिली थी, उसके बाद उसका फोन बंद हो गया था.
इसके बाद उसने पुराना सिम ऑन किया और आम आदमी पार्टी के एक नेता और कुछ वकीलों से बात की थी. पुलिस इस बात पर शक कर रही है कि अगर इलाके में हिंसा हुआ और अगर पुलिस ने उसे रेस्क्यू किया जैसा कि वो दावा कर रहा है तो फिर वो हिंसा प्रभावित इलाकों में इतने दिन क्यों रहा?
वहीं 26 फरवरी को जब अंकित शर्मा की हत्या के केस में उसे नामजद किया गया तो उसकी बेचैनी बढ़ गई, हालांकि अंकित शर्मा की हत्या के मामले में वो खुद को बेकसूर बता रहा है. क्राइम ब्रांच ने फिलहाल ताहिर को खजूरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 101 के मामले में गिरफ्तार किया है.