किसानों को गेहूं कटिंग धुलाई , पैकेजिंग एवं वितरण हेतु जिला प्रशासन देगा प्रशिक्षण


जनपद में गेहूं की का कटिंग का अभियान जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे की उपस्थिति में ग्राम नगला मोहन फिरोजपुर में शुरुआत हुई इसी क्रम में यह अभियान जनपद की समस्त तहसीलों में जिलाधिकारी के निर्देशन में शुरू हुआ।


जिलाधिकारी द्वारा राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश प्रदान किए गए कि आप कटिंग में किसानों को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े प्रशासन द्वारा उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाए


जिलाधिकारी ने बताया कि क्योंकि यह समय गेहूं की कटाई का होता है तथा कोरोनावायरस के दृष्टिगत जनपद में लागू लागू है ऐसी स्थिति में राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किसानों को गेहूं की फसल की कटिंग धुलाई रेसिंग पैकेजिंग एवं वितरण के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।


इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि गेहूं कटिंग के समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इससे भी किसानों को अवगत कराया जा रहा है।


इस संबंध में उन्होंने राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रशिक्षण के समय कृषि कार्यों के दौरान किसान द्वारा अपनाई जाने वाली सावधानियों के संबंध में प्रशिक्षण दें और इन बातों को बताए जो इस प्रकार है


 सभी प्रकार के कृषि कार्य को करने से पहले तथा बाद में हाथों को साबुन से नियमित रूप से धोया और सैनिटाइजर का प्रयोग करें


1-कार्य करते समय आंख मुंह, नाक को हाथ से न छुए ताकि संक्रमण से बचे रहें ।
2-कृषि कार्यों में लगे श्रमिकों के बीच चार से पांच फीट की दूरी रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें ।
3-कार्यों में लगे हुए श्रमिक अपने चेहरे पर मास्क अथवा अंगोछा दुपट्टा के कई तरह कर अच्छी तरह ढके ।
4-फसलों की कटाई धूलाई हेतु कृषि यंत्रों की प्राथमिकता दी जाए।
 कार्य करने से पूर्व कृषि यंत्रों की धुलाई एवं सफाई करें।
 5-उपज का संग्रह तीन चार फीट में फैले छोटे-छोटे ढेर में किया जाए, तथा अच्छी तरह सुखा कर ही भंडारण करें ।
भंडारण के लिए बोरो को 5% नीम के तेल के घोल में भिगोकर उपचारित करने के बाद अच्छी तरह सुखाकर उपयोग में लाएं।


 6-उर्वरक तथा राशन की दुकानों में पी ओ एस का प्रयोग करने के पश्चात साबुन से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का प्रयोग करें ।
7-तक संभव है परिचित व्यक्ति को खेती के कार्य में लगाएं।
 8-ही दिन अधिक श्रमिकों को कार्य में लगाने के बजाय कार्य की अवधि अधिक दिनों में बांट दिया जाए।


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