’लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने सरकारी नीतियों को किसान विरोधी बताया हैं’। सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को बाढ़ पीड़ितों का कोई ख्याल नहीं है। हर साल प्रदेश को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है। यह सालों से चली आ रही बेहद दुखदाई व्यवस्था है जिसको लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है। सरकार हर साल दावे करती है और हर साल बाढ़ उन तमाम दावों को बहा ले जाती है।
अधिकारी 70 वर्षों से बाढ़ प्रभावित इलाके में संसाधनों की कमी का रोना रोया करते है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार की घोषणाएं खोखली है प्रशासन को धरातल पर लोगों की कोई फिक्र नहीं है। इस पर सरकार ने झूठे आश्वासन दिय जाते रहे हैं प्रदेश में भयंकर बाढ़ है इसके बावजूद सरकार हवा में जहाजों से मंत्रियों और अधिकारियों को बैठा कर बाढ़ क्षेत्रों को चुपचाप बैठा कर दिखाने का काम कर रही है।
सिंह ने कहा कि अन्य दाताओं के साथ महामारी आपदा के साथ बाढ़ की आपदा भी झेल रहा है सरकार को बरसात से किसानों की फसलें चौपट हो गईं है। बाढ़ में अपार जन धन की हानि हुई है। सरकार को तत्काल प्रभाव से पीड़ित किसानों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोण्डाए बहराइचए बाराबंकीए कुशीनगरए गोरखपुरए देवरियाए बलियाए मऊए आजमगढ़ समेत कई जिलों में गन्ना और धान की फसल डूब गई है। उन्होंने कहा कि कई जिलों में तेज बारिश से भी बहुत नुकसान हुआ है। वहां भी फसलें बर्बाद हो गईं हैं। प्रदेश के किसान लगातार कई सालों से प्राकृतिक आपदा और किसान विरोधी सरकारी नीतियों के शिकार हो रहे हैं। उनके जेब में फूटी कौड़ी तक नहीं है। सरकार तत्काल प्रभाव बाढ़ को आपदा घोषित करे और जन.धन की हुई हानि का मुआवजा घोषित दे। साठ फीसदी से ज्यादा किसानों का नुकसान हुआ है। सरकार को इसमें सभी किसानों को मुआवजा देना चाहिए। उनके लिए रोजी रोटी का इंतजाम होना चाहिए।