सुनील सिंह
के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह में बाढ़ से पीड़ित किसानों और प्रदेश सरकार से समय पर यूरिया ना मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि किसानों की फसल के लिए खाद डालने का समय निकलता जा रहा है, लेकिन अभी तक किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पाई है जिस वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई है। मक्की की फसल काफी बड़ी हो गई है। इसको खाद की आवश्यकता है, लेकिन दुखद विषय है कि किसानों को मक्की के पौधों को खाद डालने के लिए अभी तक पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिस वजह से किसानों की फसल का उत्पादन कम होने की संभावना बन रही है खाद न मिलने की वजह से किसान चिंतित है।
सिंह का कहना है कि किसानों को हर साल खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसानों को पता चलता है कि खाद आ रही है तो खाद के लिए जद्दोजहद शुरू हो जाती है। लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी लोग भूल रहे हैं। कई सहकारी डिपुओं में खाद है नहीं फिर भी झूठे आश्वासनों में फंसकर किसान खाद खरीदने के लिए लंबी लाइनों में खड़े हो जाते हैं लंबी लाइन व भीड़ आम देखी जा सकती है।
हालत यह है कि लोगों को खाद खरीदने के लिए खड़े होकर काफी काफी समय तक अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं जिससे ऐसा लगता है कि व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार किसानों को खाद उपलब्ध करवाने में विफल रही है। पिछले कई दिनों से किसान खाद के लिए भटक रहे हैं, लेकिन सरकार इसकी समुचित व्यवस्था नहीं कर पाई है जिससे किसानों को मक्की की फसल के लिए खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
जिन सरकारी डिपुओं व सहकारी सभाओं के माध्यम से सरकार खाद उपलब्ध करवा रही है उनमें से कई डिपुओं के पास लाइसेंस ही नहीं है ऐसे में वहां के किसान इस कोरोना आपदा के दौरान कहां से खरीदेंगे। श्री सिंह ने कहा कि नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों की कई बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई। फसल डूब जाने से किसान परेशान है धान की फसल पर बाढ़ का कहर है, ऐसे में परिवार के भरण पोषण की समस्या पैदा हो गई है। लोकदल की मांग है कि प्रदेश सरकार बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों को मुआवजा तत्काल सरकार उपलब्ध कराएं।