सीए अमिताभ गुप्ता
नोएडा हिं.दै.आज का मतदाता अमिताभ गुप्ता ने एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत कहा कि वर्तमान देश की आर्थिक स्थिति,मानवीय आकलन के साथ-साथ ग्लोबल दृष्टिकोण से भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन भी महत्वपूर्ण हो गया है आपने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व, सरकार की तरह कम बल्कि साहूकार की तरह ज्यादा काम कर रही है संवैधानिक दायित्वों की पूर्ति हेतु सरकार का सर्वप्रथम जन कल्याण योजनाओं के तहत लोक कल्याण कार्य करना है ना कि साहूकारी । अमिताभ गुप्ता ने करोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते आए आर्थिक भूकंप से सारे आरोपों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री द्वारा घोषित नीति में बुनियादी परिवर्तन करते हुए मोरटोरियम पीरियड में निर्धारित ब्याज को ना वसूलते हुए, उसे प्रिंसिपल लोन में ना जोड़ते हुए, इस समय अवधि को जीरो पीरियड अवधि घोषित करने की पुरजोर अपील की और कहा कि केंद्र सरकार अपनी विवेकीय क्षमता को दर्शाते हुए ऐसी नीति गत योजना बनाएं जिससे आम जनता की राहत के साथ साथ बैंकिंग व्यवस्था में भी कोई दिक्कत ना आए क्यों कि हमारे संविधान ने सरकार को असीमित अधिकार दिए हैं ।एक अन्य गंभीर सवाल के जवाब में आपने कहा कि वर्तमान केंद्र की नीतियां सीधे-सीधे दर्शाती है कि वह बड़े उद्योगपतियों को नीतिगत घोषणा करके उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए समर्पित किए हुए हैं उदाहरण के लिए कारपोरेट टैक्स में कमी, सीधे तौर पर उनकी कर्ज माफी जब की आम जनता के साथ शत प्रतिशत करोना काल में ब्याज की वसूली के लिए उन्हें दिए गए कर्ज राशि में बढ़ोतरी ।आपने कहा कि यह दोहरा मापदंड वर्तमान जीडीपी गिरावट का मुख्य कारण है क्योंकि देश की आम जनमानस की सबसे बड़ी उपभोक्ता है आज उसका हाथ खाली है । सरकार को आम उपभोक्ता को रोजगार के अवसर के साथ-साथ उसकी खरीदारी की क्षमता भी बढ़ानी होगी तभी आर्थिक विकास का पहिया चल पाएगा केंद्र और राज्य में जीएसटी राशि पर नोकझोंक के कारण जन कल्याण योजनाओं पर पड़ने वाले असर पर आपने कहा कि इसमें कई भारी खामियां हैं संघीय ढांचे को मजबूत करने का इस जीएसटी एक्ट का उद्देश्य रहा है इसलिए केंद्र सरकार राज्यों के प्रति जीएसटी से संबंधित धनराशि के प्रति अपनी वचनबद्धता के प्रति मजबूती के साथ वचनबद्ध रहे