आयकर अधिनियम में आर्थिक सुधार की ओर एक ठोस कदम- एडवोकेट वी के वार्ष्णेय


                    एडवोकेट वी के वार्ष्णेय 


 हिं.दै.आज का मतदाता दिल्ली कर सलाहकार मुख्य संरक्षक एवं पूर्व अध्यक्ष दिल्ली टैक्स बार एसोसिएशन, देश हित को सर्वोपरि ध्यान में  रखने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत व पारदर्शी बनाने के लिए, वर्तमान कर्मठ वित्त मंत्री सीतारमन द्वारा फेसलेस स्कूटनी का नया अध्याय आयकर अधिनियम में जोड़कर जनता के लाभार्थी हेतु देश हित में सराहनीय कार्य किया गया है यह योजना 25 सितंबर 2020 से लागू हो गई है  l पारदर्शिता के लिए फेसलेस असेसमेंट और फैसले  से कर प्रणाली में सुधार की ओर एक ठोस कदम बढ़ाने का वर्तमान सरकार द्वारा सराहनीय प्रयास है यह पारदर्शी आयकर व्यवस्था इमानदारो को सम्मान देने का एक प्रारंभ है इसमें आयकर की निर्धारण प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है फेसलेस कर निर्धारण में करदाता को कर अधिकारियों से व्यक्तिगत आमने-सामने मिलने आयकर कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी यह सारा कार्य कंप्यूटर से होगा कि  कौन सा कर निर्धारण कौन सा आयकर अधिकारी करेगा डाटा एनालिसिस और एआईए के जरिए यह चुनाव किया जाएगा इसका आवंटन स्वचालित तरीके से रेंडमली होगा l एसेसमेंट से निकला रिव्यू किस अधिकारी के पास जाएगा यह जानकारी किसी को नहीं होगी और रिव्यु आदेश का ड्राफ्ट एक शहर में, दूसरे शहर में समीक्षा, और तीसरे शहर में उसे अंतिम रूप दिया जाएगा l डॉक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर के साथ नोटिस का सेंट्रल assurance, होगा इस आयकर व्यवस्था में प्रादेशिक क्षेत्राधिकार को समाप्त कर दिया गया है अब किसी भी राज्य या शहर का अधिकारी कहीं के मामले की जांच कर सकता है इससे सांठगांठ व रिश्वतखोरी पर लगाम लगेगी मामलों को निपटाने में तेजी आएगी रहोगी  l जबकि कुछ मामले इस नई कर व्यवस्था की परिधि में नहीं होंगे जैसे अंतरराष्ट्रीय कर मामले, काला धन अधिनियम, बेनामी संपत्ति ,बड़ी कर चोरी वह गंभीर कर की धोखाधड़ी के मामले l faceless assessment इलेक्ट्रॉनिक मोड में होता है करदाता स्वयं बिना किसी कर अधिकारी से मिले आयकर पोर्टल पर भी फाइल एसेसमेंट रिप्लाई कर सकता है उसके बाद उसके रजिस्टर्ड ई फाइलिंग ए अकाउंट ईमेल पर नोटिस या अपडेट मिलता रहता है आयकर दाता वह कानूनी सलाहकार को ई पोर्टल नोटिस का जवाब ई पोर्टल या ईमेल द्वारा ही दिया जाना चाहिए न कि किसी अन्य माध्यम से जैसे डाक आदि व्यवस्था द्वारा  l  टैक्स  payer चार्टर की विशेषताएं, करदाता को स्पष्ट रूप से इमानदार मानना उसके साथ शिष्ट व्यवहार की अपेक्षा, पूर्ण व स्पष्ट जानकारी, समय पर निर्णय, कर की राशि का उचित निर्धारण, गोपनीयता को वरीयता अधिकारी को उसके कार्य के लिए  जिम्मेदारी, करदाता द्वारा अपने पसंदीदा प्रतिनिधि का चयन सेवा मानकों का प्रकाशन, रिव्यू और अपील की व्यवस्था की गई है l इस व्यवस्था के अंतर्गत  करदाता को एक जागरूक उत्तरदायित्व व्यक्ति की भूमिका अदा करनी होगी तभी वह इसका लाभ प्राप्त कर सकता है आज के तकनीकी युग में सरकार की यह अपेक्षा सार्थक लगती है


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