भारतीय रेलवे की योजना 12 ट्रेनों के साथ मार्च 2023 तक निजी ट्रेन परिचालन शुरू करने की योजना है. रेलवे 2027 तक 151 ऐसी सेवाओं को लाने की योजना बना रहा है. भारतीय रेल नेटवर्क पर निजी यात्री रेलगाड़ी परिचालन से 30,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश आने की उम्मीद है.नई दिल्ली: लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), जीएमआर, वेलस्पन उन कंपनियों में से हैं, जिन्हें ट्रेनों के निजी परिचालन के आवेदन प्रस्ताव (आरएफपी) चरण में भाग लेने योग्य पाया गया है. जिसके तहत 12 ट्रेनों के समूह में कुल 151 ट्रेनों का परिचालन होना है.
रेल मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि उसे 16 कंपनियों से 120 आवदेन प्राप्त हुए थे. इनमें से 102 आवेदनों को योग्य पाया गया.
भारतीय रेल नेटवर्क पर निजी यात्री रेलगाड़ी परिचालन से 30,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश आने की उम्मीद है.
इसके लिए निजी क्षेत्र की इकाइयों को दो चरण वाली प्रतिस्पर्धात्मक एवं पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसमें पात्रता आवेदन (आरएफक्यू) और आवेदन प्रस्ताव (आरएफपी) की प्रक्रिया शामिल है.
सरकार ने 12 क्लस्टरों के लिए आरएफक्यू एक जुलाई 2020 को जारी किया था. इसके तहत मिले आवेदन सात अक्टूबर 2020 की तय तिथि को खोले गए.
यात्री रेलगाड़ी निजी परिचालन परियोजना के आरएफपी चरण के लिए योग्य पाई गई कंपनियों में- अरविंद एविएशन, भेल, कंस्ट्रक्शंस वाई. ऑक्जिलर डी. फेरोकैरीज, क्यूब हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, गेटवे रेल फ्रेट लिमिटेड, जीएमआर हाईवेज लिमिटेड, भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी), आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स और मालेमपति पावर प्राइवेट लिमिटेड इत्यादि शामिल हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हाई फुटफॉल और राजस्व के साथ फर्मों ने दिल्ली और मुंबई समूहों में सबसे अधिक रुचि दिखाई.
जबकि 19 फर्मों में से दो को मुंबई और दिल्ली क्लस्टर के लिए पात्र पाया गया है, चंडीगढ़ और चेन्नई क्लस्टर में पांच पात्र आवेदक थे. इलाहाबाद, जयपुर और सिकंदराबाद समूहों में नौ-नौ पात्र आवेदक थे, जबकि हावड़ा, बेंगलुरु और पटना क्लस्टर में आठ-आठ पात्र आवेदक थे.
भारतीय रेलवे की योजना आंतरिक प्रक्षेपण के अनुसार, 12 ट्रेनों के साथ मार्च 2023 तक निजी ट्रेन परिचालन शुरू करने की योजना है. रेलवे 2027 तक 151 ऐसी सेवाओं को लाने की योजना बना रहा है.