गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा संचालित 1,500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां बंद

गुजरात विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विभिन्न विधायकों के सवालों के लिखित जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि मांग और वित्तीय कारणों की वजह से 21 जिलों में विभिन्न औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई हैं. कोरोना महामारी के दौरान इकाइयां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.

(फोटोः पीटीआई)

(फोटोः पीटीआई)

गांधीनगरः गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीआईडीसी) द्वारा संचालित विभिन्न औद्योगिक संपदाओं की कुल 1,511 औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया गया है.

राज्य सरकार ने बीते तीन मार्च को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विभिन्न विधायकों के सवालों के लिखित जवाब में सरकार ने कहा कि मांग और वित्तीय कारणों की वजह से 21 जिलों में विभिन्न औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई हैं.

दिसंबर 2020 से सर्वाधिक संख्या में औद्योगिक इकाइयां जहां बंद हुई हैं, उनमें अंकलेश्वर (भरुच 89 इकाइयां), पनोली (भरुच 75 इकाइयां), सचिन (सूरत 77 इकाइयां), सचिन अपैरल पार्क (सूरत 47 इकाइयां), चित्रा (भावनगर 69 इकाइयां), वटवा (अहमदाबाद (64 इकाइयां), वाधवन (सुरेंद्रनगर 6 इकाइयां), सिद्धपुर (पाटन 50 इकाइयां) और गांधीनगर इलेक्ट्रॉनिक्स (51 इकाइयां) शामिल हैं.

गुजरात में औद्योगिक इकाइयां में खास तौर पर छोटे एवं मझोले उद्यमों की भरमार हैं, जो पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि बंद की गईं इकाइयों को दोबारा शुरू किया जा सके, राज्य सरकार ने गुजरात आत्मनिर्भर पैकेज के तहत पंद्रह फीसदी की जगह दस फीसदी ट्रांसफर शुल्क ले रही है.

वहीं, सरकार ने बंद की गईं इकाइयों पर लगाई गई जुर्माना राशि भी घटा दी है.

बता दें कि बुधवार को पेश किए गए बजट में राज्य के वित्त मंत्री नितिन पटेल ने बनासकांठा के जलोत्रा, जामनगर के शेखपट, गांधीनगर के कदजोदरा, अमरेली के पीपावाव और राजकोट के नागलपर में जीआईडीसी के जरिये नए औद्योगिक एस्टेट खोलने की घोषणा की थी.

इसी तरह की इकाइयां पाटन, आणंद, महिसागर और मोरबी जिलों में भी प्रस्तावित हैं.

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