बंगाल: अमित शाह से निर्देश मिलने के ममता बनर्जी के आरोप पर चुनाव आयोग ने जताई आपत्ति

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: चुनाव आयोग ने कहा कि वर्ष 2016 की तुलना में चुनावी राज्यों से अब तक रिकॉर्ड 331 करोड़ रुपये ज़ब्त किए गए. टीएमसी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ नंदीग्राम सीट पर चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी का नामांकन रद्द करने की मांग की. साल 2017 में केरल के वलयार में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिलीं नाबालिग बहनों की मां मुख्यमत्री पिनराई विजयन के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगी.

अमित शाह और ममता बनर्जी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

अमित शाह और ममता बनर्जी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को लिखे कड़े शब्दों वाले एक पत्र में चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि वह इस बात को पसंद नहीं करेगा कि किसी राजनीतिक दल से कथित निकटता को लेकर उसे सवालों के कठघरे में खड़ा किया जाए.

चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा को भेजे गए ममता के एक पत्र के जवाब में कहा, ‘कोलकाता में और राष्ट्रीय राजधानी (नई दिल्ली) में हाल के समय में टीएमसी के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के बावजूद यदि यह माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया है कि आयोग को राजनीतिक दलों से मिलना चाहिए, तो यह संस्था के तौर पर आयोग का महत्व बार-बार संकेतों और दृढ़ कथनों के साथ घटाने की ही कोशिश होगी.’

पश्चिम बंगाल के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन ने ममता को लिखे पत्र में कहा, ‘आयोग इस रुख पर कायम है कि वह किसी राजनीतिक दल से कथित निकटता के लिए गहन निगरानी में नहीं रखा जाना चाहेगा.’

उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री खुद की सर्वश्रेष्ठ जानकारी में मौजूद कारण को लेकर इस मिथक पर जोर देने की कोशिश करेंगी तो सिर्फ वही बता सकती हैं कि वह ऐसा क्यों कर रही हैं.

गौरतलब है कि ममता ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित करने की साजिश रच रहे हैं.

ममता ने यह भी जानना चाहा कि क्या चुनाव आयोग को उनसे (शाह से) निर्देश मिल रहे हैं.

उन्होंने सवाल किया था, ‘क्या अमित शाह निर्वाचन आयोग को चला रहे हैं? उसकी (आयोग की) स्वतंत्रता को क्या हुआ? मेरे सुरक्षा निदेशक (विवेक सहाय) को (आयोग ने) उनके (शाह के) निर्देश पर हटा दिया.’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि भाजपा उसके रोजमर्रा के कामकाज में दखलंदाजी जारी रखेगी तो वह चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगी.

चुनाव आयोग ने कहा, 2016 की तुलना में चुनावी राज्यों से रिकॉर्ड 331 करोड़ रुपये जब्त

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने खर्च निगरानी प्रक्रिया के तहत उन चार राज्यों और पुदुचेरी में अब तक 331 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

आयोग ने कहा कि साल 2016 में इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में हुए चुनाव के दौरान जब्त की गई कुल धनराशि से अधिक धनराशि इस बार जब्त की जा चुकी है.

आयोग ने एक बयान में कहा, ‘महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अभी चुनाव शुरू तक नहीं हुए हैं और रिकॉर्ड धनराशि जब्त की जा चुकी है.’

बयान में कहा गया है कि सबसे अधिक 127.64 करोड़ रुपये की धनराशि तमिलनाडु से जब्त की गई है, जबकि पश्चिम बंगाल से 112.59 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं.

बयान के अनुसार, आयोग ने असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल तथा केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में कालेधन पर प्रभावी निगरानी के लिए 295 पर्यवेक्षकों को तैनात कर रखा है.

तृणमूल कांग्रेस ने नंदीग्राम से शुभेंदु अधिकारी का नामांकन रद्द करने की मांग की

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम सीट पर चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी का नामांकन रद्द करने की बुधवार को मांग की. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया है कि शुभेंदु का नाम हल्दिया विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में भी नजर आ रहा है.

शुभेंदु अधिकारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

शुभेंदु अधिकारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

कभी ममता के करीबी सहयोगी रहे अधिकारी द्वारा नंदीग्राम सीट से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का नामांकन रद्द करने की मांग किए जाने के महज कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम हुआ है.

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि अधिकारी का नाम नंदीग्राम और हल्दिया, दोनों विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में नजर आ रहा है.

उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 17 के मुताबिक इसकी अनुमति नहीं है.

यह धारा इस बात का जिक्र करती है कि किसी भी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत नहीं हो सकता है.

ब्रायन ने कहा कि ऐसा लगता है कि अधिकारी ने अपने आवास के बारे में फर्जी जानकारी मुहैया कर अपने नाम का स्थानांतरण हल्दिया विधानसभा क्षेत्र से नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में करने के लिए एक अर्जी दी थी.

उन्होंने दावा किया कि इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि जब बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) सत्यापन करने के लिए क्षेत्र में (शुभेंदु अधिकारी के पते पर) पर गए थे, उस वक्त वह (अधिकारी) अनुपस्थित पाए गए थे.

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि अधिकारी पिछले छह महीने से अधिक समय से नंदनायकबार गांव के निवासी नहीं थे, जो नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है.

उन्होंने मतदाता पंजीकरण अधिकारी से नंदीग्राम सीट की मतदाता सूची से शुभेंदु का नाम हटाने और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही सहित उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

उन्होंने मांग की, ‘नंदीग्राम सीट से दाखिल किया गया अधिकारी का नामांकन पत्र भी रद्द किया जाए.’

बंगाल: भाजपा कार्यकर्ता का शव मिला, पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की

सुरी: बीरभूम के इलमबाजार इलाके में एक नदी के पास से मंगलवार को भाजपा के 24 वर्षीय बूथ स्तरीय कार्यकर्ता का शव बरामद हुआ है. पार्टी ने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत की है.

बापी अंकुर का शव नडास गांव की शाल नदी के पास से बरामद हुआ. भगवा पार्टी और अंकुर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसकी गला घोंट कर हत्या की गई है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है. मौत के वास्तविक कारण का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद चलेगा.

अंकुर के पिता निर्मल अंकुर का कहना है, ‘मुझे संदेह है कि मेरे बेटे की हत्या की गई है.’

भाजपा के स्थानीय नेता अनिर्बन गांगुली ने पीड़ित परिवार से मिलने के बाद दावा किया कि अंकुर के शव पर खून के निशान थे. उन्होंने कहा कि अंकुर की हत्या संभवत: तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय जिंगल ‘खेला होबे’ का नतीजा है.

उन्होंने कहा ‘चुनाव आयोग को स्लोगन पर संज्ञान लेना चाहिए. हमने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करायी है.’

तृणमूल कांग्रेस के बोलपुर से विधायक और राज्य के मत्स्य पालन मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने कहा, ‘भाजपा बेकार में इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है. मैं पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं.’

सुरी में 29 अप्रैल को मतदान होना है.

असम: प्रथम चरण के 16 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले

नई दिल्ली: असम विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों में से 16 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: द वायर)

(प्रतीकात्मक फोटो: द वायर)

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

असम चुनाव निगरानी समूह और एडीआर ने प्रथम चरण में चुनावी मैदान में उतरे 264 में से 259 उम्मीदवारों के हलफनामों का आकलन किया.

एडीआर ने बताया कि 259 में से 41 यानी 16 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है और 34 यानी 13 प्रतिशत ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने का खुलासा किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, 259 उम्मीदवारों में से 101 करोड़पति हैं.

शैक्षणिक पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि 97 यानी 37 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं से 12वीं कक्षा के बीच बताई है. जबकि 157 यानी 61 प्रतिशत उम्मीदवारों ने शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक बताई है. वहीं चार उम्मीदवारों के पास डिप्लोमा और एक केवल साक्षर हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 67 यानी 26 प्रतिशत उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 वर्ष और 153 यानी 59 प्रतिशत उम्मीदवार 41 से 60 वर्ष की आयु के हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘ 38 यानी 15 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 61 से 70 वर्ष बताई है. वहीं एक उम्मीदवार 85 वर्ष के हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम चरण में 25 यानी 10 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं.

इस रिपोर्ट के लिए प्रथम चरण के कांग्रेस के 43 में से 10 उम्मीदवारों, असम जातीय परिषद के 41 में से आठ उम्मीदवार, भाजपा के 39 में से तीन, एनसीपी, एजीपी और एसयूसीआई (सी) के एक-एक उम्मीदवारों के हलफनामों का आकलन किया गया, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है.

वहीं, कांग्रेस के नौ, असम जातीय परिषद के छह, भाजपा के तीन, एनसीपी, एजीपी और एसयूसीआई (सी) के एक-एक उम्मीदवार ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है.

गंभीर आपराधिक मामले गैर-जमानती अपराध हैं, जिसमें पांच साल तक की कैद हो सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार, पांच उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से जुड़े मामले उनके खिलाफ दर्ज होने का खुलासा किया है. एक उम्मीदवार ने अपने खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने की जानकारी दी है.’

असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को चुनाव होगा.

असम: तीसरे चरण के लिए विभिन्न दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा की

गुवाहाटी/कोकराझार: असम विधानसभा के छह अप्रैल को होने वाले तीसरे चरण के चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी दल यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल), आठ दलों के महागठबंधन में शामिल बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) और नव गठित रैजोर दल ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

यूपीपीएल ने आठ उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा की है, जिसमें राज्यसभा के पूर्व सांसद एवं पार्टी के संस्थापक उर्खाव ग्वरा ब्रह्म को चापागुड़ी (एसटी), प्रतिष्ठित कारोबारी मनरंजन ब्रह्म को कोकराझार पश्चिम (एसटी) और एबीएसयू के पूर्व महासचिव लॉरेंस इस्लारी को कोकराझार पूर्व (एसटी) सीट से उम्मीदवार बनाया है.

पार्टी के महासचिव मोती ब्रह्म हजोरी ने मंगलवार को बताया कि यूपीपीएल के अन्य उम्मीदवारों में गोसाइगांव से सोमनाथ नरजारी, सिधली से जयंत बसुमतारी, बिजनी से पानिन बोरो, तमुलपुर एलएसी से लेहो राम बोरो और बरामा (एसटी) से भूपेन बोरो शामिल हैं.

यूपीपीएल ने इससे पहले दो उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की थी, जिनमें उदलगुड़ी से गोबिंद चंद्र बसुमतारी और मजबत से रतेंद्र दैमारी को प्रत्याशी बनाया गया.

बीपीएफ प्रमुख एच. मोहिलारी ने भी उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की जिनमें कोकराझार पूर्व से मौजूदा विधायक प्रमिला रानी ब्रह्म, कोकराझार पश्चिम से रविराम नरजारी, गोसाइगांव से मजेंद्र नरजारी, सिधली से मंत्री चंदन ब्रह्म, बिजनी से कमलसिंह नरजारी, 62 बरामा से बीपीएफ महासचिव प्रबिन बोरो, चापागुड़ी से पूर्व विधायक हितेश बसुमतारी और तमुलपुर निर्वाचन क्षेत्र से रामदास बसुमतरी को उम्मीदवार बनाया गया है.

बीपीएफ ने इससे पहले चार उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिनमें उदलगुड़ी से रिहोन दैमारी, कलईगांव से दुर्गादास बोडो, पनेरी से करुणा कांता सोर्गोयारी और मजबत से चरण बोरो शामिल हैं.

नव गठित रैजोर दल ने दक्षिण सलमारा से नजरुल इस्लाम, धुबरी से रसूल हक, गौरीपुर से अब्दुर रज्जाक हुसैन, जालुकबाड़ी से हेमंत कुमार सुत और नगेन चंद्र दास को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की. पार्टी ने राज्य में तीनों चरण के चुनावों के लिए 37 उम्मीदवारों की घोषणा की है.

केरल: वलयार की नाबालिग बहनों की मां मुख्यमत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी

त्रिशूर/कन्नूर: वर्ष 2017 में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं दो नाबालिग लड़कियों की मां द्वारा केरल के मुख्यमंत्री के विरुद्ध धर्मदम से चुनाव लड़ने की घोषणा किए जाने के कुछ घंटों बाद ही पिनराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा उक्त महिला के साथ खड़ी रही और कभी उसे ठेस नहीं पहुंचने दी.

कन्नूर में विधानसभा चुनाव प्रचार कर रहे विजयन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम उस मां के साथ खड़े रहे हैं और उसने जो भी मांग की वह पूरी की गई और इसका कोई मलाल नहीं है. हमने उसे किसी भी तरह ठेस नहीं पहुंचाई.’

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन. (फोटो: पीटीआई)

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन. (फोटो: पीटीआई)

विजयन ने कहा कि यदि वह (महिला) किसी की बातों में आकर कुछ करना चाहती है तो वह इसके लिए स्वतंत्र हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले ही मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.

पलक्क्ड़ जिले के वलयार में 2017 में दो लड़कियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था और वे अपने घर में फंदे पर लटकी हुई पाई गई थीं.

उन लड़कियों की मां ने त्रिशूर में संवाददाताओं से कहा था, ‘मैं अपनी बेटियों के लिए न्याय चाहती हूं. मैंने तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री से मुलाकात की, मैं रोई और अपनी बच्चियों की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की गुहार लगाई. मैं विजयन के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडूंगी. संघ परिवार को छोड़कर हम सभी का समर्थन लेंगे.’

लड़कियों की मां ने मामले की जांच करने वाले दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कथित रूप से सरकार द्वारा कार्रवाई न करने पर सिर मुंडवा लिया था.

उक्त महिला अब पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कासरगोड से तिरुवनंतपुरम की ‘नीति यात्रा’ कर रही हैं, जो चार अप्रैल को खत्म होगी.

धर्मदम से भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष सीके पद्मनाभन को उतारा है और कांग्रेस नीत यूडीएफ गठबंधन द्वारा उम्मीदवार का ऐलान किया जाना अभी बाकी है.

केरल उच्च न्यायालय द्वारा मुकदमा दोबारा जांच शुरू करने का आदेश जारी किए जाने के बाद एलडीएफ सरकार ने दोनों बहनों की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय जनवरी में लिया था.

राज्य सरकार और लड़कियों की मां की ओर से दायर याचिका को अनुमति देते हुए अदालत ने इस साल छह जनवरी को मुकदमा दोबारा शुरू करने का आदेश दिया था और कहा था कि जांच में गंभीर खामियां हैं.

पलक्कड़ जिले के वलयार में 13 जनवरी 2017 को 13 वर्षीय एक लड़की को अपनी झोपड़ी में फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया था और चार मार्च को उसकी नौ वर्षीय बहन की मौत भी इसी तरह हुई थी.

केरल: भाजपा ने कझाकूतम सीट से शोभा सुंदरन को उम्मीदवार बनाया

तिरुवनंतपुरम: केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की तेजतर्रार महिला नेता शोभा सुंदरन को कझाकूतम सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बुधवार को इस संबंध में घोषणा की.

शोभा सुरेंद्रन. (फोटो: फेसबुक)

शोभा सुरेंद्रन. (फोटो: फेसबुक)

केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन को साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया था, जिन्हें करीब सात हजार वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

माना जा रहा है कि शोभा एलडीएफ उम्मीदवार और देवस्वओम तथा पर्यटन मंत्री के. सुंदरन को कड़ी टक्कर दे सकती हैं, जो एक बार फिर इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. यूडीएफ ने डॉ. एसएस लाल को उम्मीदवार बनाया है.

इस बीच भाजपा ने बुधवार को अपने तीन अन्य उम्मीदवारों के नामों का भी ऐलान किया.

मन्नतवाड़ी (सुरक्षित) सीट से एम. पल्लियारा को टिकट दिया गया है. करुणागप्पली से बिट्टी सुधीर जबकि कोल्लम से एम सुनील को उम्मीदवार बनाया गया है.

केरल: मुख्यमंत्री ने 54 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कन्नूर जिले की धर्मधाम सीट से छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरते हुए 54 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की है.

विजयन ने बताया कि उनके पास दो प्लॉट समेत 51.95 लाख रुपये की अचल संपत्ति है. उन्होंने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था.

उनके पास 2.04 लाख रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें से 78,048.51 रुपये एसबीआई बैंक की थालासेरी शाखा में हैं और साथ ही मलयालम कम्युनिकेशन लिमिटेड के 10,000 रुपये के 1000 शेयर और केआईएएल के एक लाख रुपये के शेयर हैं.

शपथपत्र के अनुसार, 2020-21 में उनकी कुल आय 287,860 रुपये रही. उनकी पत्नी कमला के पास बैंक में 5,47,803.21 रुपये हैं और 35 लाख रुपये की संपत्ति है.

शपथ-पत्र में यह भी बताया गया है कि उनके खिलाफ दो मुकदमे चल रहे हैं.

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने 76,20,620 रुपये की अचल संपत्ति के साथ ही 1.23 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की है. उन्होंने अलाप्पुझा जिले की हरिपद सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया.

उनके पास एक कार, एक एलआईसी पॉलिसी और शेयरों तथा बॉन्ड्स में निवेश समेत 472,6,091 रुपये की चल संपत्ति है.

उनकी पत्नी अनिता रमेश के पास 16,107,033 रुपये की चल संपत्ति समेत 22,077,033 रुपये की संपत्ति है.

उनके खिलाफ आठ मुकदमे चल रहे हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओम्मेन चांडी ने 3.41 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 2.99 लाख रुपये की चल संपत्ति की घोषणा की है. कोट्टायम जिले की पुथुपल्ली सीट से उम्मीदवार चांडी के खिलाफ चार मुकदमे चल रहे हैं.

केरल: मुख्यमंत्री ने माकपा और भाजपा के बीच चुनावी गठजोड़ के आरोपों को खारिज किया

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम: माकपा और भाजपा के बीच चुनावी गठजोड़ के आरोपों को खारिज करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि वाम दल कुछ वोटों के लिए सांप्रदायिक ताकतों के साथ समझौता नहीं करेंगे.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रशिक्षण विभाग के साथ कार्यरत आर. बालशंकर ने आरोप लगाया कि माकपा और भाजपा के बीच विधानसभा चुनाव के लिए हुए चुनावी गठजोड़ के चलते ही उन्हें अलप्पुझा जिले की चेंगन्नूर विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया.

बालशंकर ने आरोप लगाया कि चेंगन्नूर और अरनमुला सीटों पर भाजपा मजबूत स्थिति में है लेकिन भाजपा की राज्य इकाई के नेतृत्व और माकपा के बीच हुए चुनावी गठजोड़ के चलते उन्हें नजरअंदाज किया गया.

भाजपा नेता ने दावा किया कि वह चेंगन्नूर सीट पर पिछले दो महीने से कार्य कर रहे हैं और ईसाइयों एवं मुसलमानों के अलावा सभी समुदायों ने उन्हें अपना समर्थन जताया है.

बालशंकर ने कहा, ‘राज्य का नेतृत्व चुनाव जीतना नहीं चाहता है. उन्हें चुनाव जीतने में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि जिन सीटों पर भाजपा की पकड़ मजबूत है, वहां से वे कमजोर उम्मीदवार उतार रहे हैं.’

विजयन ने गठजोड़ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वाम दल कुछ वोटों के लिए सांप्रदायिक ताकतों के साथ समझौता नहीं करेंगे.

पूर्व कांग्रेस नेता पीसी चाको एनसीपी में शामिल

नई दिल्ली/कोच्चि: पूर्व कांग्रेस नेता पीसी चाको मंगलवार को शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए और कहा कि वह एक सक्रिय पार्टी में शामिल होकर प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं. चाको ने पिछले सप्ताह कांग्रेस छोड़ दी थी.

पीसी चाको. (फोटो: पीटीआई)

पीसी चाको. (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं एक ऐसी पार्टी का हिस्सा बनकर खुश हूं जो काम कर रही है, सक्रिय है और एक दिशा के साथ आगे बढ़ रही है.’

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए चाको ने कहा कि समय की जरूरत है कि भाजपा का एक विकल्प तैयार किया जाए, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि उनकी पूर्ववर्ती पार्टी इस दिशा में कोई काम कर रही है.

पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने के बाद चाको ने कहा कि केरल में एलडीएफ सत्ता में लौटेगा. केरल में एनसीपी एलडीएफ का घटक दल है.

केरल: वडकर से केके रेमा होंगी आरएमपी प्रत्याशी, यूडीएफ ने दिया समर्थन

कोझिकोड: क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) ने अटकलों को विराम देते हुए मंगलवार को कहा कि कोझिकोड जिले के वडकर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से केके रेमा चुनाव लड़ेंगी.

रेमा, पार्टी के संस्थापक और दिवंगत नेता टीपी चंद्रशेखरन की पत्नी हैं.

पार्टी महासचिव केके वेणु ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व रेमा को यूडीएफ का समर्थन देने की घोषणा की है.

माकपा से अलग हो कर बनाई गई पार्टी आरएमपी पर एलडीएफ गठबंधन को टक्कर देने के वास्ते वडकर में उम्मीदवार खड़ा करने का दबाव था.

कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने साझा उम्मीदवार खड़ा करने के लिए आरएमपी से बातचीत की थी लेकिन रेमा के मना करने के बाद पार्टी महासचिव ने रेणु को प्रत्याशी के तौर पर नामित किया था.

इस पर कांग्रेस नेतृत्व ने कहा था कि यदि रेमा चुनाव नहीं लड़ती हैं तो पार्टी किसी और उम्मीदवार को समर्थन नहीं देगी, जिसके बाद आरएमपी नेतृत्व ने मंगलवार को फिर बैठक की और रेमा की उम्मीदवारी पर मुहर लगाई.

मार्क्सवादी नेता चंद्रशेखरन द्वारा एक दशक पहले स्थापित आरएमपी का वडकर के ओंजियम में मजबूत जनाधार है.

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