बीआर बत्रा
हिंदी दैनिक आज का मतदाता गाजियाबाद
मकान भी गिरवी रखना पड़ा
बच्चों की पढ़ाई रोटी ड्रेस व अन्य जरूरी जरूरतों के लिए
बड़े लगन से एक-एक पैसा जोड़कर बनाया था एक आशियाना
इस बीमारी कोविड-19 के युग में ना है रोटी
ना है काम, नया कपड़ा तो भूल गए
छह माह की बच्चे की पढ़ाई का स्कूल में फीस नहीं दिया गया
सभी बीमार अपने परिवार गए जहा बूढ़े मां बाप असहाय लग रहे हैं
अपने आशियाने पर लगता है किसी की नजर लग गई है
बहुत से परिवारों की तरफ से हृदय की पुकार