दीप से दीप -बीआर बत्रा


                               बीआर बत्रा 

दीप से दीप

एक दिया तो ऐसा जलाओ जो सभी मुझे दियो को जलाए ,

दीप से दीप जब जलते हैं, तो रोशन होता है जहान ,

आंखों में आंसू मत लाओ, 

आंसू मोतियों से भी महंगे हैं  मेरे दोस्त ,

जो मुंह से कुछ नहीं कहता, वह आंसुओं में बह जाता है ,

 दिल की कोई जुबान नहीं होती ,

बस एक दिया ऐसा जलाओ जो सभी मुझे दिए को जलाए

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