टीकाकरण नीति पर अदालत के सवालों के बाद केंद्र ने 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण निशुल्क किया

सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि 21 जून से राज्यों को 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए मुफ़्त कोविड टीका मिलेगा. बीते हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा इसी आयु वर्ग के टीकों के लिए राज्यों व निजी अस्पतालों को लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति देने को लेकर सवाल उठाए थे.

(फोटो: पीटीआई)

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि अब 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए भी राज्यों को टीका मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा और अगले दो सप्ताह में इससे जुड़े दिशानिर्देश तय कर लिए जाएंगे.

उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि पूरे देश में सभी लिए के मुफ्त टीकाकरण 21 जून से शुरू होने की उम्मीद है.

मोदी ने कई विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बयानों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह भी कहा कि टीकाकरण को लेकर राजनीतिक छींटाकसी उचित नहीं है.

उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज दीपावली तक उपलब्ध कराया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने राज्यों को 18 से 44 साल आयु वर्ग के लोगों के लिए भी टीका राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराने संबंधी घोषणा उस वक्त की है जब दिल्ली और पंजाब समेत कई विपक्ष शासित राज्यों की सरकारों ने हाल के महीनों में टीके की कमी और राज्य के स्तर पर टीके की खरीद में दिक्कतों का मुद्दा कई बार उठाया था.

मोदी ने कहा, ‘आज ये निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास टीकाकरण से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी. इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी.’

गौरतलब है कि बीते दिनों टीकाकरण नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की फटकार लगाई थी और इसे ‘मनमाना’ क़रार देते हुए समीक्षा करने को कहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा दो चरणों में संबंधित समूहों (45 वर्ष से अधिक उम्र) को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है.

शीर्ष अदालत ने यह भी जानना चाहा था कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे ख़र्च किए गए और इसका उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया जा सकता.

अदालत के 31 मई के आदेश में उदारीकृत टीकाकरण नीति, केंद्र एवं राज्यों तथा निजी अस्पतालों के लिए टीके के अलग-अलग दाम, उनके आधार, ग्रामीण एवं शहरी भारत के बीच विशाल डिजिटल अंतर के बाद भी टीके के स्लॉट बुक कराने के लिए कोविन ऐप पर अनिवार्य पंजीकरण आदि को लेकर केंद्र के फैसले की आलोचना की गई थी और सरकार से इसके सवालों पर दो सप्ताह में जवाब मांगा गया था.

सोमवार को प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उम्मीद है कि 21 जून से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को मुफ्त टीका देगी. किसी भी राज्य सरकार को टीके पर कुछ खर्च नहीं करना होगा.’

उन्होंने घोषणा की, ‘देश में बन रहे टीके में से 25 प्रतिशत, निजी क्षेत्र के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी. निजी अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सेवा शुल्क ले सकेंगे. इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा.’

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि 2014 में देश में टीकाकरण की कवरेज 60 फीसदी थी, लेकिन उनके पिछले पांच-छह वर्षों में इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया.

प्रधानमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि वे कोरोना रोधी टीकाकरण से जुड़ी अफवाहों से बचें और टीकाकरण को लेकर जागरुकता बढ़ाने में मदद करें.

उन्होंने कहा, ‘कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवाासियों की लड़ाई जारी है. अनेक देशों की तरह भारत भी बड़ी पीड़ा से गुजरा है. हम में से कई लोगों ने अपने परिजनों, परिचितों को खोया है. ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते 100 वर्षों में आई यह सबसे बड़ी महामारी है. इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी न अनुभव की थी. इस महामारी के खिलाफ हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है.’

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