विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई देशों द्वारा कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि के बाद दक्षिण-पूर्व एशिया के अपने सदस्यों से कोविड-19 को दोबारा फैलने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत बनाने, सामाजिक दूरी के नियमों के कड़ाई से पालन और टीकाकरण तेज़ करने की अपील की है.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के अपने सदस्य देशों से कोविड-19 को दोबारा जोर पकड़ने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने, सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से कार्यान्वयन और टीकाकरण तेज करने की अपील की. संगठन ने एक बयान जारी कर यह अपील की.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस सप्ताह मालदीव और म्यांमार ने कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि की है. इससे पहले बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड और तिमोर-लेस्ते चिंताजनक स्वरूप की पुष्टि कर चुके हैं.
कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप के साथ-साथ अर्थव्यवस्थाओं के चालू होने और कामकाज की शुरुआत के चलते दुनियाभर में हाल ही में मामलों में तेज वृद्धि हुई है.
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक बयान में कहा, ‘हमें जांच, संक्रमितों का पता लगाने और उन्हें पृथक करने के अपने प्रयासों को लगातार मजबूत करने की जरूरत है. भौतिक दूरी, हाथों की साफ-सफाई और उचित तरीके से मास्क पहनने के नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है. उन हिस्सों में ये उपाय पूरी तरह और लंबे समय तक लागू होने चाहिए, जहां चिंताजनक स्वरूप के संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं.’
मालूम हो कि विश्व में कोरोना वायरस से अब तक 17.85 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 38.66 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में अकेले मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 88.82 से अधिक मामले सामने आए, जो देश में अब तक संक्रमित 2.8 करोड़ से अधिक लोगों का 31.67 फीसदी है. इस तरह यह इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा.
मई में इस बीमारी के चलते 117,247 लोगों की जान भी गई, जो अब तक इस संक्रमण से हुई 3.30 लाख से अधिक मौतों का करीब 35.63 प्रतिशत है.