तीसरी लहर से नहीं घबराना है प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाना है-डॉक्टर नरेंद्र बंसल

 

      डॉक्टर नरेंद्र बंसल। 

हिंदी दैनिक आज का मतदाता गाजियाबाद ,काजीपुरा मानवीय स्वास्थ्य को प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति द्वारा बेहतर बनाकर करोना की तीसरी लहर से स्वास्थ्य एवं मानसिक मजबूती के संदर्भ में प्राकृतिक चिकित्सक डॉक्टर नरेंद्र बंसल ने एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व के साथ-साथ भारत देश भी पूर्व में आई करोना की दो लहरों से काफी हद तक भयभीत हो चुका है। आज हर भारती  इस प्राकृतिक आपदा से अपने और अपनों को सुरक्षित रखना चाहता है, डॉक्टर नरेंद्र बंसल जो गाजियाबाद के nh-24 स्थिति एक प्राकृतिक चिकित्सा की श्रेष्ठता को स्थापित करती महाराजा अग्रसेन योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सालय में योग्य डॉक्टरों की टीम से गठित है, को मानव सेवा में समर्पित किए हुए हैं ने  आपने एक महत्वपूर्ण सवाल के जवाब में कहा कि पूर्व की  दोनों करोना  लहरों से हमें कई तथ्यों को जानने एवं उस पर विश्वास करने का अवसर मिला है। आपने कहा कि हम सभी मानव समाज ने जो प्रकृति को नकार दिए थे ,उसके मूल्यों की कीमत हम सभी को मालूम पड़ गई है, आज प्रकृति श्रेष्ठ है, और इससे ही जीवन है, और यही सत्य है ,हम सभी को इसका बखूबी आभास हो गया है। नरेंद्र बंसल ने कहा कि आज की आधुनिक भागा दौड़ी के समय में हम सभी बनावटी वस्तुओं के नजदीक होकर हो गए हैं, और प्रकृति से दूर होते गए हैं , जिसका परिणाम करोना  की दूसरी लहर में लाखों लोगों की मृत्यु ने हमें सच्चाई बता दिया है । आपने कहा कि अब आवश्यक है कि हम प्रकृति से  नजदीकी बनाए और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर स्वयं के साथ-साथ पूरे परिवार को भी स्वस्थ बनाएं। डॉक्टर नरेंद्र बंसल ने बहुत ही बारीकी से अपनी बात को रखते हुए कहा कि यदि हम करोना में मृतकों के कारणों  की जांच पड़ताल करें तो हम यही पाएंगे कि ज्यादातर आंकड़ों जो पाए गए हैं, उसमें फेफड़ों का कमजोर होना एवं ऑक्सीजन की कमी मुख्य कारण ही  मृत्यु का रहा है ,इसलिए आज बिना विलंब किए हम सभी लोग प्रकृति की अनमोल धरा में रहकर प्रकृति को अपना कर अपने स्वास्थ्य को एक स्वस्थ ईश्वरी मानवी संरचना को रोगमुक्त रखते हैं ,तो हमें किसी भी कीमत पर करोना की तीसरी लहर से घबराने की जरूरत नहीं है ,बस अपने आप को प्रकृति की धरोहर प्राकृतिक चिकित्सा से अपने शरीर की मांसपेशियों, पाचन प्रक्रिया ,शरीर की गंदगी को बाहर निकालकर ,स्वास की प्रक्रिया में मजबूती से ,अपने शरीर को रोग मुक्त बनाकर  अपने स्वास्थ्य  को बेहतर रखकर रोगमुक्त  जीवन सकते हैं और लोगों के लिए प्रेरणादायक भी बन सकते हैं ।

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