हरियाणा के करनाल में किसानों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध भले ही थम गया है। लेकिन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन अभी भी जारी है।
बताया जाता है कि करनाल में किसान प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ रिटायर्ड जजों की एक कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए गए हैं।
इसके साथ ही इस लाठीचार्ज में मरने वाले किसान के परिवार के लोगों को सरकारी नौकरी देने की बात भी कही गई है।
दूसरी तरफ केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार कृषि कानूनों और एमएसपी के मुद्दे पर अभी तक किसान संगठनों से बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है।
इस मामले में विपक्षी दलों द्वारा भी भाजपा को लगातार घेरा जा रहा है। इस कड़ी में शिवसेना नेता संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है।
मीडिया से बात करते हुए शिवसेना नेता का कहना है कि किसानों का आंदोलन 2 सालों से चल रहा है। इन 2 सालों में लगभग 17 बार किसानों पर हमला किया गया है।
हरियाणा पुलिस हो या फिर पॉलिटिकल गुंडे हो। डीएम ने तो किसानों का सर फोड़ने का ऑर्डर दे दिया था। डीएम को यह आर्डर खट्टर सरकार की तरफ से दिया गया था।
अभी किसानों ने हरियाणा में सचिवालय और मंत्रालय का घेराव करके रखा है। अगर किसानों और सरकार के बीच बातचीत होती है। उससे कुछ हल निकलता है तो देश इसका स्वागत करेगा।
लेकिन अगर आप कहेंगे कि हम बात ही नहीं करेंगे और किसानों को जिंदगी भर सड़क पर बिठा कर रखेंगे। यह बिलकुल भी सही नहीं है।
संजय राउत ने आगे कहा, 2 साल के बाद भी इतना बड़ा आंदोलन देश में चल रहा है और सरकार वहां पर ध्यान तक नहीं दे रही हैं। किसान 2 सालों से बैठकर वहां पर आंदोलन कर रहा है।
कोई भी राजनीतिक पार्टी वहां पर शामिल नहीं है। हमने किसानों की महापंचायत देखी है।
लाखों किसान आंदोलन करने के लिए तैयार है मुझे यह लगता है कि मोदी सरकार को अब कोई रास्ता निकालना होगा।