उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कल किसान संगठनों द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस महापंचायत में किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को हराने की तैयारी शुरू करने का ऐलान किया है।
इस महापंचायत के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी समीकरण बदलने की कयासबाजी शुरू हो गई है।
माना जा रहा है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में किसान संगठन भाजपा की मुश्किल बढ़ाने वाले हैं।
किसान महापंचायत को कवर करने के लिए देश के कई मीडिया चैनल पहुंचे हुए थे। इस दौरान किसानों द्वारा देश के बिकाऊ मीडिया का भी विरोध किया गया।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। जोकि इंडिया टुडे ग्रुप के आज तक न्यूज़ चैनल की है।
इस गाड़ी के पीछे लिखी गई एक बात दर्शाती है कि किसान प्रदर्शनकारियों के बीच मोदी सरकार की चाटुकारिता करने वाले और फर्जी खबरें चलाने वाले न्यूज़ चैनलों के प्रति कितना आक्रोश है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में लिखा गया है ‘आज तक चोर है दलाल है।‘इस तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए किसान एकता मार्च ने लिखा-“बड़े बे-आबरू होकर मुजफ्फरनगर से वो निकले, जो ग़लत है उन्हें सुधारना होगा”
दरअसल आज तक न्यूज़ चैनल द्वारा किसान महापंचायत को लेकर यह रिपोर्टिंग की जा रही थी कि किसान महापंचायत में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई है। किसी ने मास्क नहीं पहना।
इस पर सोशल मीडिया यूज़र्स ने आजतक न्यूज़ चैनल से यह सवाल किया है कि जब चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह बड़ी बड़ी रैलियों को संबोधित कर रहे थे। तब भी कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। तब उन्होंने इस पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाया।
वहीं महापंचायत के दौरान कवरेज करने गई एंकर चित्रा त्रिपाठी को भीड़ द्वारा भगाए जाने का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
एंकर चित्रा त्रिपाठी को भीड़ ने खदेड़कर एक तरह से चेतावनी दी है कि स्टूडियो में बैठकर फैलाई गई नफ़रत और अफवाह का शिकार हमेशा वंचित वर्ग नहीं होगा, कभी कभी एंकर और रिपोर्टर भी इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
भीड़ की नाराजगी और नारेबाजी पर सवाल उठाने के पहले इस बात पर भी स्पष्ट हो जाना होगा कि इससे 10 गुना ज्यादा आक्रामक और स्वाभाव में सांप्रदायिक एवम हिंसक भीड़ को इसी मीडिया ने तैयार किया है।