भारत में कोरोना महामारी के बाद भयंकर बेरोजगारी और गरीबी पसर चुकी है। देश की अर्थव्यवस्था मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे निचले स्तर पर आ चुकी है।
इस मामले में भाजपा नेता और सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए लॉटरी और सट्टे को समाज के लिए अच्छी चीज बताते हुए लाभदायक बताया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जिसमें समाज का लाभ होगा। वो कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इस कार्य में मैं सरकार के साथ में हूं।
भाजपा नेता प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि कोरोना महामारी में देश की आर्थिक स्थिति डगमगाई है। देश में कई तरह की लॉटरी और सट्टा चलता है।
समाज में लॉटरी का एक ही नाम दिया गया है। लेकिन कई तरह की लॉटरी होती है। उसमें जो अच्छा होगा, जिससे समाज को लाभ हो।
जिससे समाज की सेवा हो सके और लोग अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकें। ऐसा कार्य अवश्य करना चाहिए।
बता दें, भाजपा नेता और सांसद प्रज्ञा ठाकुर अक्सर विवादित बयानों के लिए चर्चा में बनी रहती हैंभाजपा नेता प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि कोरोना महामारी में देश की आर्थिक स्थिति डगमगाई है। देश में कई तरह की लॉटरी और सट्टा चलता है।
समाज में लॉटरी का एक ही नाम दिया गया है। लेकिन कई तरह की लॉटरी होती है। उसमें जो अच्छा होगा, जिससे समाज को लाभ हो।
जिससे समाज की सेवा हो सके और लोग अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकें। ऐसा कार्य अवश्य करना चाहिए।
बता दें, भाजपा नेता और सांसद प्रज्ञा ठाकुर अक्सर विवादित बयानों के लिए चर्चा में बनी रहती हैंइसी बीच भाजपा शासित मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने लॉटरी और सट्टे को केंद्रीय कानून के तहत वैधानिक करने का फैसला लिया है। जिस से संबंधित नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
बताया जाता है कि यह नोटिफिकेशन केंद्र सरकार के उपभोक्ता संरक्षण नियम 2019 के तहत जारी किया गया है।
जिसके नियमों के मुताबिक, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी उत्पाद की बिक्री, इस्तेमाल और आपूर्ति या किसी व्यवसाय हित को बढ़ावा देने के लिए किए गए दो मामलों में राज्य सरकार अनुचित व्यापार व्यवहार के दायरे में छूट प्रदान कर सकेगी।
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता अलका लांबा ने तंज कसते हुए कहा कि “लगता है भोपाल की सांसद आज कल “शाह का जय” के सम्पर्क में है। पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के लिए एक और बेहतरीन – सुनहरा अवसर।
आपको बता दें कि शिवराज सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जाहिर की है। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से राज्य में अपराध का स्तर और भी ज्यादा बढ़ सकता है।