लखनऊ, : सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल भाजपा के सहयोग से विधानसभा में उपाध्यक्ष चुने गए. नितिन अग्रवाल को कुल 304 वोट मिले जबकि सपा के नरेंद्र वर्मा को 60 वोट मिले. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि कुल 368 वोट पड़े जिसमें 364 वोट वैध रहे और 4 वोट अवैध रहे.
वहीं शिवपाल सिंह यादव और ओमप्रकाश राजभर सदन में नहीं आए और इन दोनों ने ही अपना वोट कास्ट नहीं किया. वहीं ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के तीन विधायकों ने ही अपना वोट कास्ट किया है. अब नितिन के विधानसभा उपाध्यक्ष बनने से वैश्य समाज में अच्छा संदेश जाएगा और बीजेपी को इस वर्ग को साधने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी.
साथ ही पार्टी को वैश्य वर्ग में एक युवा चेहरा भी मिल गया. वहीं समाजवादी पार्टी ने वर्मा को इस सोच के साथ उतारा था कि बीजेपी को घेरने में आसानी होगी और फॉरवर्ड बनाम बैकवर्ड कार्ड खेला जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सपा चुनाव के जरिए पिछड़ी जातियों को भी संदेश देना चाहती थी कि बीजेपी के लिए उनके मायने नहीं हैं लेकिन सपा अपना संदेश देने में कामयाब नहीं हो सकी.विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व कल्याण सिंह को किया गया याद
इसके पहले रविवार को एक दिवसीय विशेष सत्र के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सोमवार को विधानसभा के एक दिवसीय सत्र को संविधान के प्रति निष्ठावान होकर सुगमता से चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सदन में सारवान और गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए सभी दलों को सहयोग करना चाहिए.समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के नेताओं ने इस विशेष सत्र का किया विरोध किया
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में रविवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव कराने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, राकेश प्रताप सिंह, बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कैलाशनाथ सोनकर, मंत्री रमापति शास्त्री, चौधरी लक्ष्मीनारायण, सिद्धार्थनाथ सिंह, राज्यमंत्री गुलाब देवी, योगेंद्र उपाध्याय, विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे और प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह मौजूद रहे.