भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा कर कुचल दिया।
इसके बाद वहां हुई हिंसा में फायरिंग और आगजनी हुई। जिसमें 4 किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद योगी सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ किसानों और विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है
वही मीडिया में इस घटना को लेकर एक बार फिर किसानों को बदनाम किए जाने की साजिश रची गई है।
सोशल मीडिया पर दैनिक जागरण अखबार का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। जिसमें लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश में अराजक किसानों का उपद्रव, छह की गई जान।
इस पूरी घटना के लिए जहां भाजपा नेता का बेटा जिम्मेदार है। वही दैनिक जागरण ने किसानों को दोषी ठहराया है।
इस मामले में पत्रकार विनोद कापड़ी ने बिकाऊ मीडिया पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि यह बिकाऊ अखबार पत्रकारिता पर कलंक है।
इसी कड़ी में रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने भी एक भी ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि दो समाचार पत्र: एक अखबार,दूसरा रद्दी। एक के रीढ़,दूसरा पिद्दी।
इस ट्वीट में उन्होंने दैनिक जागरण और अमर उजाला द्वारा इस घटना पर लगाई गई खबर की तुलना की है।
दरअसल अमर उजाला ने इस घटना पर हेड लाइन दी है कि किसानों को केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी ने कुचला। संघर्ष, आठ की मौत हुई…
वहीँ दैनिक जागरण ने लिखा है लखीमपुर में किसानों का उपद्रव 8 की मौत।
आपको बता दें कि लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता जी मिश्रा के बेटे के आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।