अधिकारियों का मानना था कि चूंकि वानखेड़े के खिलाफ सतर्कता जांच का आदेश दिया गया है, इसलिए उनके द्वारा मामले की जांच जारी रखना सही नहीं है. बुधवार को सीवीओ ज्ञानेश्वर सिंह के मुंबई दौरे के बाद एजेंसी अंतिम फैसला लेगी लेकिन शीर्ष अधिकारी बदलाव पर विचार कर रहे हैं.
बता दें कि एनसीबी और वानखेड़े ने वसूली के आरोपों को लेकर विशेष अदालत में दो अलग-अलग हलफनामे दाखिल किए. मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर साईल ने रविवार को एक हलफनामे में और फिर पत्रकारों के सामने दावा किया था कि एनसीबी के एक अधिकारी और कुछ अन्य लोगों ने मामले में आरोपी आर्यन खान को छोडऩे के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी. जिसकी सतर्कता जांच के एनसीबी के आदेश के मद्देनजर वह (वानखेड़े) दिल्ली आए हैं.अधिकारी ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागरले को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कुछ अज्ञात लोगों द्वारा संभावित कानूनी कार्रवाई की योजना बनाये जाने से संरक्षण की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वे लोग उन्हें फंसाना चाहते हैं. हालांकि, वानखड़े को वसूली संबंधी स्वतंत्र गवाह प्रभाकर साईल द्वारा किये गये सनसनीखेज दावे पर एक हलफनामे के सिलसिले में कोई राहत नहीं मिल पाई. अदालत ने कहा कि वह दस्तावेजों को संज्ञान में लेने से अदालतों को रोकने का आदेश जारी नहीं कर सकती.
वहीं एनसीबी ने विशेष अदालत के समक्ष दाखिल हलफनामे में कहा कि वानखेड़े और अन्य अधिकारियों का सेवा रिकॉर्ड बेदाग रहा है, लेकिन वानखेड़े पर वसूली के आरोप लगाने वाले स्वतंत्र गवाह प्रभाकर साईल के हलफनामे के संबंध में अदालत से कोई राहत नहीं मिल सकी. वहीं, अपनी जान को खतरा होने का दावा करने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने साईल को पुलिस सुरक्षा मुहैया करायी है. एनसीबी के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह सतर्कता जांच करेंगे.