ललितपुर, : बुन्देलखण्ड के ललितपुर में खाद को लेकर हालात खराब ही होते जा रहे हैं. पिछले एक हफ्ते से जिले में खाद की किल्लत जारी है जिसकी वजह से किसानों को खासा परेशानियों का सामना करना पद रहा है. इस बीच मंगलवार को लाइन में लगे एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई तो वहीं एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दिया. परिजनों की माने तो मृतक दोनों किसान खाद के लिए परेशान थे. एक किसान की तो जेब से आधार कार्ड और खेत की नकल भी बरामद हुई है. जिले में महज एक सप्ताह के भीतर तीन किसानों की खाद की किल्लत के चलते मौत होने से किसानों में भारी रोष देखा जा रहा है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर किसानों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने लिखा, पूरे यूपी में व खासकर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सरकार किसानों को समय से खाद्य उपलब्ध नहीं करा पा रही है. जिससे पूरे दिनभर लाइन में लगे कई किसानों की मृत्यु हो गई तथा काफी बीमार भी हो गये. इस अति दु:खद व चिन्तनीय गम्भीर समस्या का सरकार तुरन्त समाधान करेे. बीएसपी की यह मांग.
खास बात यह है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते एक सप्ताह के बाद भी जिले में खाद की स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है. हजारों की संख्या में किसान सहकारी समितियों और दुकानों पर डेरा डाले हुए हैं, जिसकी वजह से कई किसानों की तबीयत भी बिगड़ गई है. ललितपुर में एक सप्ताह पूर्व हुई बारिश के बाद अचानक से उर्वरक खाद की मांग बढ़ गई है. खेत की नमी न चली जाए और समय से रबी की फसलों की बुआई हो जाये, इसके लिए सहकारी समितियों और खाद की दुकानों पर खाद लेने के लिए किसानों का मेला लगा हुआ है. लगातार किसान खाद के लिए जद्दोजहद कर रहे है. प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है.