संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा
नई दिल्ली, संसद का शीतकालीन सत्र आज विपक्ष के हंगामे के बीच शुरू हुआ. सत्र के पहले दिन आज तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का विधेयक पेश किया गया जो विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा से पास हो गया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह बिल लोकसभा में पेश किया, जिसके बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
बताते चलें कि लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक में कांग्रेस और टीएमसी ने 3 कृषि कानूनों के निरस्तीकरण करने वाले बिल पर चर्चा की मांग की. जबकि केंद्र सरकार इस बिल पर चर्चा के बजाए, सीधे पेश और ध्वनिमत से पास करवाना चाहती है. बीएसपी और बीजेडी के नेताओं ने भी कहा चर्चा की बजाय इसे जल्द पास किया जाना उचित होगा.
लोकसभा में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामें पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहला दिन है जनता देख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले सीनियर कैबिनेट मंत्रियों, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमार, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ मीटिंग की.प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी को कोविड-19 के नए वेरिएंट से अलर्ट रहने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार खुली चर्चा को तैयार है. हर सवाल का जवाब देना चाहती है. सवाल भी हो शांति भी हो. उन्होंने कहा कि स्पीकर और चेयर की गरिमा का ऐसे ख्याल हो कि आने वाले पीढ़ियां इससे सीख लें.
पीएम मोदी ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. संसद का शीतकालीन सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. संविधान दिवस पर पूरे देश ने एक संकल्प किया है इन सबके परिप्रेक्ष्य में हम चाहेंगे देश चाहेगा हर नागरिक चाहेगा कि संसद का सत्र आजादी के दीवानों के स्प्रिट के अनुकूल, संविधान के अनुकूल संसद भी देश हित में चर्चाएं करें.
बता दें कि महीने भर चलने वाले इस सत्र में 26 विधेयकों को संसद में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच चलेगा.’ के लिए सरकार को निर्देश देने के लिए चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.