नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध: पुलिस कार्रवाई के बाद एम्स, एफएआईएमए के डॉक्टर भी धरने पर

फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.नई दिल्ली: नीट-पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling- राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा की स्नातकोत्तर काउंसलिंग) में देरी का विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के पुलिस द्वारा हमला किए जाने का आरोप लगाए जाने के एक दिन आद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के साथ फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए- FAIMA) से जुड़े डॉक्टरों ने भी उनके आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया है.

बीते 27 दिसंबर को एक विरोध मार्च के दौरान डॉक्टरों पर कथित पुलिस कार्रवाई के बाद मंगलवार को एम्स दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया.

एम्स के डॉक्टरों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे मंगलवार को सभी गैर-आपातकालीन कार्यों से हट जाएंगे.इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘सरकार के लिए यह उचित समय है कि एक रिपोर्ट जारी कर बताए कि नीट-पीजी काउंसलिंग में तेजी लाने के लिए सरकार की क्या योजना है. यदि 24 घंटों के भीतर सरकार की ओर से कोई पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (AIIMS RDA) 29/12/21 से सभी गैर-आपातकालीन सेवाओं को बंद करने के साथ सांकेतिक हड़ताल शुरू करेगा.’

एफएआईएमए की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘हम अधिकारियों को याद दिलाते हैं कि एफएआईएमए और उससे जुड़े रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अब तक बहुत संयम दिखाया है और आपातकालीन सेवाओं को नहीं रोका है. हालांकि सरकार और अधिकारियों ने हमारे लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं छोड़ा है.’

इसके मुताबिक, ‘यह सभी डॉक्टरों के लिए हमारे सहयोगियों के साथ एकता और एकजुटता दिखाने का समय है, जिन्हें बेरहमी से पीटा गया, घसीटा गया और हिरासत में लिया गया. इसलिए हम 29/12/21 को सुबह 8 बजे से देश भर में सभी स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह से बंद रखने का आह्वान करते हैं.’

 मालूम हो कि इससे शहर में मरीजों के इलाज में और दिक्कत बढ़ सकती है क्योंकि सफदरजंग और लोक नायक जैसे बड़े अस्पतालों के आपातकालीन विभाग हड़ताल से प्रभावित होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए एम्स रेफर किया जा रहा था.

डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने से केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है.मंगलवार को दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती एक मरीज अनुराग मिश्रा ने बताया कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं हैं. बड़ी संख्या में मरीज इलाज का इंतजार कर रहे हैं. विरोध से ओपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित स्वामी दयानंद अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी इस मांग को लेकर 29 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से सभी गैर-आपातकालीन ओपीडी वार्ड, वैकल्पिक ओटी सेवाओं और आपातकालीन सेवाओं को बंद रखने का फैसला किया है.

इसके अलावा एफएआईएमए ने सोमवार की घटना (पुलिस द्वारा कथित हमले) के बाद अपने रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) को आपातकालीन सेवाओं सहित सभी कामों से हटने का आह्वान किया था.

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