राहुल गांधी बोले, विपक्ष की आवाज दबाने की हो रही कोशिश

 


नई दिल्ली : विपक्ष सांसदों के निलंबन पर विरोध प्रदर्शन कर रहा विपक्ष आज पैदल मार्च कर विजय चौक पर पहुंचा. इस दौरान राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष ने आवाज बुलंद किया. राहुल गांधी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. पीएम मोदी सदन में नहीं आते हैं और हमें मुद्दों पर बहस का मौका तक नहीं दिया जाता है. ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र चलाने का. हम यहां प्रदर्शन कर रहे हैं ये सिंबल है लोकतंत्र का.

यह संसद चलाने का तरीका नहीं, लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है

निलंबित सांसदों की आवाज दबाई गई और वे इसके खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन में बैठे है. हमें संसद में राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर अपनी आवाज नहीं उठाने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हंगामे के बीच संसद में लगातार बिल पास हो रहे हैं. यह संसद चलाने का तरीका नहीं है. यह लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है.बता दें कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्य सभा में ‘अशोभनीय आचरण’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला. विपक्षी नेता संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा से मार्च निकालकर विजय चौक तक पहुंचे. विजय चौक पर राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत की और सरकार पर डराने, धमकाने का आरोप लगाया.

सरकार डरा, धमकाकर चुप कराने की कर रही कोशिश

राहुल गांधी ने कहा, ‘विपक्षी सांसदों के निलंबन के 14 दिन हो गए हैं. संसद में विपक्ष जिन मुद्दों पर बहस करना चाहती है, वो बहस सरकार नहीं होने देती है. जहां भी विपक्ष अपनी आवाज उठाने की कोशिश करती है सरकार डराकर, धमकाकर उन्हें निलंबित करके चुप कराने की कोशिश करती है. ये लोकतंत्र की हत्या है.’

संसद में बहस करने नहीं दिया जाता

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘संसद में बहस होनी चाहिए. सभी मुद्दों पर बहस होनी चाहिए. लेकिन जो बहस हम करना चाहते हैं वो हमें करने नहीं दिया जाता. सरकार के ऊपर हम सवाल उठाना चाहें तो सरकार हमें इसकी इजाजत नहीं देती है.’तीन से चार मुद्दे ऐसे हैं जिनके नाम से डरती है सरकार

राहुल गांधी ने कहा, ‘तीन से चार ऐसे मुद्दे हैं जिनके बारे में सरकार नाम तक लेने नहीं देती. ये सही तरीका नहीं है. सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है. प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं. 13 दिन से वो नहीं आए हैं. ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का.’

 


विपक्ष के 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किए जाने की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की बैठक 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल पूरा नहीं हो पाया.

सरकार का रवैया अड़ियल

विपक्ष लगातार इस बात को कह रहा है कि सरकार ने अड़ियल रवैया अपना रखा है और जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है. जो कुछ हो रहा है, उस पर विरोध जताते हुए उनकी पार्टी के सदस्य सदन से वाकआउट कर रहे हैं.पिछले 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था.जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.

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