मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी चन्नी सरकार को पहले से ही थी. इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एसपीजी की कार्यप्रणाली का ब्योरा दे रहे हैं. वह कानून के विभिन्न प्रावधानों के बारे में बता रहे हैं कि कैसे राज्य पुलिस प्रमुख के तालमेल से सुरक्षा रखी जाती है.
उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि इस पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ हुई है. इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता. यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है. ‘ब्लू बुक’ में साफ है कि सुरक्षा का इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है.’
वहीं पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने कहा, ‘हमारे अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. उन्हें कोई अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला. जब कमेटी की जांच पर रोक है तो फिर कारण बताओ नोटिस जारी करने का क्या औचित्य है?’ पंजाब सरकार के सीनियर एडवोकेट ने कहा कि उन्हें केंद्र की कमेटी पर भरोसा नहीं है, इसलिए कोर्ट अपनी ओर से कमेटी का गठन करे.
पटवालिया ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे. हम उस कमेटी में सहयोग करेंगे, लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप ना लगाया जाए. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र इस मामले की सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं होगी. कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें, और हमें निष्पक्ष सुनवाई दें.