प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला: जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

 


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट पिछले हफ्ते पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति गठित करने के लिए सहमत हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने समिति में चंडीगढ़ के डीजीपी, आईजी राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के एडीजीपी (सुरक्षा) को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है.

मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी चन्नी सरकार को पहले से ही थी. इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एसपीजी की कार्यप्रणाली का ब्योरा दे रहे हैं. वह कानून के विभिन्न प्रावधानों के बारे में बता रहे हैं कि कैसे राज्य पुलिस प्रमुख के तालमेल से सुरक्षा रखी जाती है.

उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि इस पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ हुई है. इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता. यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है. ‘ब्लू बुक’ में साफ है कि सुरक्षा का इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है.’

वहीं पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने कहा, ‘हमारे अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. उन्हें कोई अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला. जब कमेटी की जांच पर रोक है तो फिर कारण बताओ नोटिस जारी करने का क्या औचित्य है?’ पंजाब सरकार के सीनियर एडवोकेट ने कहा कि उन्हें केंद्र की कमेटी पर भरोसा नहीं है, इसलिए कोर्ट अपनी ओर से कमेटी का गठन करे.

पटवालिया ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे. हम उस कमेटी में सहयोग करेंगे, लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप ना लगाया जाए. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र इस मामले की सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं होगी. कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें, और हमें निष्पक्ष सुनवाई दें.

 


गौरतलब है कि पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर पहुंचकर 42,750 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखने वाले थे. इसके लिए उन्हें सड़क के रास्ते से राष्ट्रीय शहीद स्मारक ले जाया जा रहा था क्योंकि खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर से जाना संभव नहीं था. लेकिन कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए सड़क को ब्लॉक कर लिया, जिसके चलते प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसा रहा. सड़क खाली नहीं होने की स्थिति में उन्हें अपनी रैली रद्द कर वापस लौटना पड़ा.
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