लखनऊ,: प्रदेश के रायबरेली जिले में जहरीली शराब मामले में अब तक नौ मौतें हो चुकी हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को नकली शराब की आपूर्ति में पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. हालांकि सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नौ अधिकारियों कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया है उन पर आईपीसी और आबकारी कानूनों की कड़ी धाराओं के अलावा एनएसए और गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. उन्हें तत्काल आरोप पत्र देने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं आबकारी विभाग के अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रायबरेली और आसपास के जिलों में सिर्फ टेट्रा पैक देशी शराब की बिक्री की जाएगी.
दरअसल, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी ऊंचा हो. पूरी गहन जांच जारी है और असली दोषियों की तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है. अवैध व नकली विंडीज ब्रांड की देशी शराब के स्रोत की जांच की जा रही है सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 अधिकारियों कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया है. वहीं, पुलिस विभाग के महाराजगंज के एसएचओ नारायण कुमार कुशवाहा, चौकी प्रभारी धुलवासा राजकुमार, कांस्टेबल रत्नेश कुमार राय, ब्रजेश कुमार यादव, शिवनारायण पाल, विजय राम और आबकारी विभाग के रायबरेली के डीईओ राजेश्वर मौर्य, आबकारी निरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल धीरेन्द्र श्रीवास्तव को सस्पेंड कर किया गया है.
बता दें कि यूपी सरकार ने जिला प्रशासन को नकली शराब की आपूर्ति में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन पर आईपीसी और आबकारी कानूनों की कड़ी धाराओं के अलावा एनएसए और गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामले दर्ज होंगे. इस दौरान सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और असली दोषियों की तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है. साथ ही अवैध व नकली विंडीज ब्रांड की देशी शराब के स्रोत की जांच की जा रही है. फिलहाल रायबरेली में नकली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो चुकी है और 22 लोग अस्पताल में भर्ती हैं.