यूपी में एमएलसी चुनाव के लिए मतदान जारी, 95 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 27 सीटों पर शनिवार सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो गया. उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं.
कार्यालय के मुताबिक, विधान परिषद चुनाव में 739 मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी, जिसमें 1,20,657 मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की उम्मीद है. मतदान शाम चार बजे तक होगा. चुनाव कार्यालय के अनुसार, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान हो रहा है, उनमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं. ये 27 सीटें 58 जिलों में हैं.

आठ स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से नौ विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) निर्विरोध चुने गए हैं. विधान परिषद चुनाव में सपा और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. हालांकि, कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी.उत्तर प्रदेश विधान मंडल के उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, वर्तमान में प्रदेश की 36 सीटों पर विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं. इनमें से नौ सीटों पर बीजेपी निर्विरोध जीत चुकी है. अगर ये सभी 36 सीटें बीजेपी की झोली में आती हैं तो यह मानकर चलिए कि विधान परिषद में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे. उन्होंने कहा था कि विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिलने पर बीजेपी को प्रदेश में विकास कार्यों तथा गरीबों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में किसी भी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.

स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं. इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं. प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय बीजेपी के 35, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल व निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है.

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